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हेल्थ

डायबिटीज के मरीजों के लिए ये आटा हैं बेहद फायदेमंद…

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे खानपान का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है।  ऐसे में उन चीजों के आटे का चुनाव करना चाहिए जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक हो और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो इसमें शुगर स्पाइक नहीं बढ़ता और डायबिटीज की बीमारी कंट्रोल में रहती है आज हम आपको बताते हैं कि डायबिटीज के मरीज को किस चीज का आटा खाना चाहिए।

बाजरे का आटा डायबिटीज के मरीजों के लिए बाजरे का आटा सबसे फायदेमंद है। क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट इंसुलिन सेल्स की गति देते हैं जिससे इंसुलिन के प्रोडक्शन में मदद मिलती है। राजगिरे का आटा डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है राजगिरे का आटा लो ग्लाइसेमिक फूड है

जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है साथ ही यह हाई कैलोरी वाला भी है जो कि शरीर की एनर्जी बूस्ट करने के साथ-साथ डायबिटीज को संतुलित भी रखता है।

World Disabled Day 2022: डिसेबल लोगों के राइट्स के बारे में जानना और अवेयर रहना हैं बेहद जररी

जब किसी व्यक्ति में शारीरिक या फिर मानसिक समस्या होती है, तो ऐसी स्थिति में उसे डिसेबिलिटी या विकलांगता से परिभाषित किया जाता है. डिसेबिलिटी की वजह से वे सामान्य लोगों की तरह सक्षम नहीं होते हैं.

डिसेबल लोगों के राइट्स के बारे में जानना और अवेयर रहना बहुत जरूरी है. वर्ल्ड डिसेबल्ड डे 2022 की थीम क्या है, इसका इतिहास और महत्व क्या है, इन सबके बारे में विस्तार से जानेंगे.

यूनाइटेड नेशंस के अनुसार, इस दिन को मनाने का उद्देश्य डिसेबिलिटी को लेकर लोगों की समझ को बढ़ावा देना है. साथ ही विकलांग व्यक्तियों की डिग्निटी, उनके राइट्स और देखभाल के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं.

यूनाइटेड नेशंस की ओर से वर्ल्ड डिसेबल्ड डे को वर्ष 1992 में प्रमोट किया गया था. साथ ही इसका उद्देश्य विकलांग लोगों को अपने राइट्स के बारे में अवेयर करना था.  राजनीतिक, सामाजिक और कल्चरल लाइफ के हर पहलू के लाभों को समझ सकें, इसलिए इस दिन को मनाया जाने लगा.  वर्ल्ड डिसेबल्ड डे में केवल मानसिक या शारीरिक अक्षमताएं ही नहीं जुड़ी हैं, बल्कि ऑटिज्म से लेकर डाउन सिंड्रोम और मल्टीपल स्केलेरोसिस तक सभी डिसेबिलिटीज इसमें शामिल है.

मूली के साथ इन चीजों का नहीं करें सेवन अथवा पड़ेगा भारी

 सर्दियां आते ही जिस तरीके से बाजारों में मूली मिलने लगती है, उसी तरीके से लोग भी इसे खूब चाव से खरीदने लगते है । ऐसा इसलिए क्योंकि ठंड में मूली खाने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है। आप मूली को किसी भी वक्त या किसी भी खाने या चीज के खाने के बाद नहीं खा सकते है।ऐसा करने से आप पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

सर्दियों में मूली के पराठे खाने के बाद दूध या दूध से बनी किसी भी चीज से दूरी बरतना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप मूली के पराठे खाकर दूध या इससे बनी चीजें जैसे खीर, दही आदि खाएंगे तो इससे आपको स्किन की समस्या हो सकती है। यही नहीं आप में रैशेज की भी परेशानी बढ़ सकती है।

किसी को मूली खाने के बाद 12 घंटे बाद ही संतरा का सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि मूली के बाद संतरा का सेवल करना एक सही कॉन्बिनेशन नहीं है। ऐसे में आपका पाचन तंत्र भी खराब हो सकता है और इससे कई और गंभीर समस्या भी पैदा हो सकती है।

खराब खान-पान, ज्यादा वजन हैं किडनी में स्टोन की मुख्य वजह

किडनी में स्टोन होना एक दर्दनाक समस्या है पथरी का कारण खराब खान-पान, ज्यादा वजन और कई बार ज्यादा सप्लीमेंट्स का सेवन भी होता है.

जिसके कारण ब्लैडर तक यूरिन पहुंचने के रास्ते में रुकावट आती है. किडनी स्टोन में खान-पान को लेकर सावधानियां बरतने की जरूरत होती है.किडनी में स्टोन होने का मुख्य कारण हो सकता है.

इसके अलावा ठंड लगकर बुखार आना और पेट में कई बार अचानक से दर्द होना भी किडनी स्टोन के मुख्य लक्षणों में से हो सकते हैं. कई लोगों को यूरिन इंफेक्शन की समस्या हो जाती है और उल्टी आने जैसा महसूस होता है.

दिन में दो से तीन लीटर पानी जरूर पिएं. इसके नारियल पानी के अलावा नींबू पानी और संतरे का जूस शामिल करें. एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर हर्बल टी पीने से किडनी में बनने वाला यूरिक एसिड खुद ब खुद कम हो जाता है. ये किडनी साफ करने में मदद करता है. दिन में दो बार हर्बल टी को जरीर पिएं.

सर्दी खांसी की समस्या होने पर हाइड्रेट रहना हैं आपके लिए बेहद जरुरी

ठंड का सीजन आ चुका है, ऐसे में इस सीजन में जहां मीठी धूप के कारण अधिकतर लोगों को पसंद होता है।  सर्दी का मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है।

 सामान्य कोल्ड या बुखार होने पर हर बार दवाइयां लेना जरूरी नहीं होता। जो आपकी इस परेशानी को दूर कर सकती हैं। आज हम कुछ घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं।

अदरक: अगर आपको जुकाम और खांसी है तो आपको आधा चमच्च अदरक के रस में एक चम्मच शहद को मिला कर इसे दिन में दो से तीन बार लेना चाहिए।

हल्दी वाला दूध: हल्दी में बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इंफेक्शंस को दूर करने में प्रभावी होते हैं।अगर आपको कोल्ड है, तो आप रात को दूध में हल्दी डाल कर पीएं।

लहसुन: लहसुन में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जिससे कोल्ड और फीवर का इलाज संभव है।आप लहसुन को कच्चा या किसी डिश में ड़ालकर भी खा सकते हैं।

एस्पिरिन टैबलेट पेट में ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं

एस्पिरिन टैबलेट जो कि दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में से एक है. अन्य संबंधित बीमारियों का जोखिम कम करने के लिए कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं वाले मरीजों को जो एस्पिरिन लेने की सलाह देते हैं, वह दवा गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग की स्थिति भी पैदा कर सकती है.

पिछले कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि हेलिकोबैक्टर पाइलरी के कारण पेट में पेप्टिक अल्सर हो जाते हैं. यह बैक्टीरिया रोजाना एस्पिरिन लेने वाले लोगों के शरीर में पाया जाता है. डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण पेट में जख्म हो सकते हैं.

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने  बताया, “एस्पिरिन टैबलेट पेट में ब्लीडिंग का कारण बन सकती है, जिसे सबसे आमतौर पर मुख्य साइड इफेक्ट्स माना जाता है. जो डॉक्टर इस दवा को लिख रहे हैं उन्हें हमेशा इसके फायदे के अनुपात को देखते हुए प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि कम डोज भी पेट को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे अल्सर या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग हो सकती है.”

सुबह आंख खोलने के बाद क्या आप भी करते हैं यही काम तो पढ़े ये खबर

सुबह आंख खोलने के बाद ज्यादातर लोग अपना मोबाइल फोन उठाते हैं। वजह चाहे टाइम देखना हो, अलार्म बंद करना या मैसेज या कॉल चेक करना अधिकतर लोगों का हाथ सबसे पहले मोबाइल पर जाता है। इसके कुछ फायदे तो कई नुकसान भी हैं जिनसे लोग वाकिफ नहीं या ज्यादातर इस पर ध्यान नहीं देते। अगर आप भी उठकर सबसे पहले मोबाइल चेक करते हैं तो जानें आप पर इसका क्या असर हो सकता है.

 

आपको इस बात का अहसास नहीं होता लेकिन सबसे पहले उठकर अगर आप ये देखते हैं कि आपने क्या मिस किया या आज पूरे दिन क्या करना है तो इसका असर मूड पर होता है। मान लीजिए उठकर आप ऑफिस के ईमेल सबसे पहले चेक करते हैं तो आपको लगने लगेगा कि दिन बहुत बिजी रहने वाला है। इससे आपका स्ट्रेस बढ़ सकता है। सुबह उठते ही आप दिमाग को इन्फॉर्मेशंस से भरने लगते हैं यह आपकी मन पर अच्छा असर नहीं डालता।

अगर आप इंस्टाग्राम या फेसबुक भी चेक करते हैं तो भी इनडायरेक्टली नकारात्मक विचारों का शिकार हो सकते हैं। मान लीजिए सोशल मीडिया पर किसी ने अपने घूमने या नई गाड़ी खरीदने का पोस्ट डाला। इस पर आपके दिमाग में आ सकता है कि आपके पास ऐसी चीज क्यों नहीं। ऐसे अनजाने में आप अपना स्ट्रेस बढ़ा लेते हैं।

पूरे दिन मोबाइल से दूर नहीं रहा जा सकता लेकिन सुबह उठते ही इसे चेक करने की आदत को बदला जा सकता है। इसके लिए आप फोन को तकिए के नीचे या साइड टेबल पर रखने के बजाय दूर रखना शुरू कर सकते हैं। सुबह उठते ही किसी और एक्टिविटी में इन्वॉल्व होने की कोशिश करें। उठकर पानी पिएं, मेडिटेशन करें या घरवालों को हंसकर गुड मॉर्निंग विश करें। कुछ दिन तक ऐसा करने से ये आपकी आदत में आ जाएगा।

 

 

सरसों के तेल का इस्तेमाल बना सकता हैं आपकी पाचन शक्ति की मजबूत

वैसे तो आप सभी ने कई महंगे कॉस्मेटिक्स पर पैसे और समय बर्बाद किया होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आपके लिए मस्टर्ड ऑयल जिसे सरसों के तेल के नाम से जाना जाता है फायदेमंद है. यह तेल अस्थमा के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है.

पुराने समय से ही सरसों के तेल का इस्तेमाल होता आ रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि इस तेल से पाचन शक्ति अच्छी रहती है. ये भूख बढ़ाने का भी काम करता है. इसमें थियामाइन और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं. सरसों का तेल वजन घटाने के लिए भी मददगार साबित हो सकता है.

बच्चों की सरसों तेल से मालिश भारतीय परंपरा का हिस्सा है, शायद इसका कारण यही है कि सरसों तेल की मालिश से हड्डियां और मांसपेशियां दोनों ही मजबूत होती हैं. इससे ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है. इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में दर्द हो तो भी गर्म तेल से मालिश की जाती है, इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है, गठिया रोग में भी इससे आराम मिलता है.

कहा जाता है कोल्ड और कफ में भी ये तेल काफी फायदेमंद होता है. जी दरअसल मस्टर्ड ऑइल में अजवाइन मिलाकर बॉइल करें और चेस्ट पर सोने से पहले लगायें. ये आपको कोल्ड में काफी मददगार साबित होगा.

इस तेल को शरीर में दर्द के समय भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ये काफी कारगर होता है. आप चाहे तो इसे रात के समय गर्म करके अपने शरीर पर लगायें इससे दर्द में राहत मिलती है.

क्या आप भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं तो पढ़े ये खबर

आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए –

अगर आपको जोड़ों के दर्द और सूजन की तकलीफ है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इससे गठिया की समस्या में भी आराम मिलता है।

तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमरियों को पैदा करते हैं।

तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

अगर आप नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं तो इससे त्वचा पर चमक आती है। यह पानी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।

पाचन क्रिया बेहतर बनाने के लिए भी तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर आपको कब्ज और एसिडिटी की समस्या है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से यह दूर हो जाएगी।

मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत करने में हैं कारगर

मक्‍खन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये घर का बना सफेद मक्‍खन होना चाह‍िए।सफेद मक्‍खन में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इस तरह ये त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। साथ ही ये कैंसर से हमारा सुरक्षा कवच भ बनता है। मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाती है। साथ ही ये गले के ल‍िए भी अच्‍छा होता .

सफेद मक्खन के फायदे
  • अगर आपके गले में सूजन आ जाती है तो मक्खन का सेवन कीजिए. इससे आराम मिलता है. मक्खन में आयोडीन थायराइड मौजूद रहते हैं, जो ग्रंथियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं
  • सफेद मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और कोलेस्ट्राल की समस्या भी खत्म हो जाती है. मक्खन में मौजूद विटामिन और सेलेनियम से हार्ट प्रॉब्लम्स भी नहीं होती.
  • दिमाग तेज करने के लिए मक्खन का सेवन किया जाता है. बच्चों को सफेद मक्खन जरूर खिलाना चाहिए. इससे उनका दिमाग स्वस्थ और याददाश्त तेज होती है. सफेद मक्खन से बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है.
  • सफेद मक्खन में कैल्शियम मौजूद रहता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
  • कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मक्खन मददगार साबित हो सकता है.
  • घर पर बनाया गया मक्खन अच्छी वसा का स्त्रोत होता है, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध बटर की तुलना में स्वस्थ है. इस मक्खन में ट्रांस-फैट (Trans-Fats) होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं.