Wednesday , May 8 2024

विदेश

चुनाव परिणामों में पीटीआई को बढ़त, जानें पाकिस्तान के बड़े चेहरों में कौन जीता-हारा?

पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम चुनावों के वोटों की गिनती जारी है। बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और पाबंदियों के बीच हुई चुनाव के परिणामों पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई। अब तक के नतीजों में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थन से लड़ रहे उम्मीवार आगे चल रहे हैं। अब तक के चुनाव परिणामों में पाकिस्तान की राजनीति के कई बड़े चेहरों ने जीत हासिल की है जबकि कुछ बड़ नामों को हार का भी सामना करना पड़ा है। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की उम्मीदवार मरियम नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और हमजा शरीफ नेशनल असेंबली के लिए चुन लिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो जरदारी और खुर्शीद शाह जैसे बड़े नाम भी चुनाव जीत गए हैं।

पीटीआई समर्थित उम्मीदवार 24 सीटों पर आगे चल रहे
अब तक के चुनाव परिणामों में पीटीआई समर्थित उम्मीदवार 24 सीटों पर आगे चल रहे हैं। वहीं पीएमएल-एन और पीपीपी के उम्मीदवार 18-18 सीटों पर आगे चल रहे हैं। पाकिस्तान में बहुमत हासिल करने के लिए पार्टियों को 134 सीटों की जरूरत है। कुल 5,121 उम्मीदवार पंजीकृत 167 राजनीतिक दलों या स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में हैं। चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियां देखें तो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (पीएमएल-एन) तो बिलावल भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) हैं। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चुनाव चिह्न को चुनाव आयोग ने फ्रीज कर दिया है। इस वजह से पीटीआई के उम्मीदवार बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

इमरान की पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने शुक्रवार को आम चुनावों में जीत का दावा किया और आरोप लगाया कि नतीजों में धांधली करने के लिए नतीजों में देरी की जा रही है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने एक बयान में पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ से हार स्वीकार करने के लिए कहा, जो प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। पीएमएल-एन ने हालांकि इस मांग को खारिज कर दिया और दावा किया कि वह गुरुवार को होने वाले चुनाव में जीत दर्ज कर रही है। धांधली, छिटपुट हिंसा और देशव्यापी मोबाइल फोन बंद होने के आरोपों के बीच गुरुवार को हुए आम चुनाव के बाद भी पाकिस्तान में वोटों की गिनती जारी है।

आइए जानते हैं पाकिस्तान के आम चुनावों में अब तक परिणामों में किस पार्टी का कौन सा चर्चित चेहरा जीता और हारा?
1. बिलावल भुट्टो जरदारी- जीते
पीपीपी के बिलावल भुट्टो जरदारी नेशनल असमेंबली के सीट नंबर एनए 154 पर 131217 वोटों से जीत दर्ज की है।
2. नवीज शरीफ- जीते
पीएमएल-एन के नेता और प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार नवाज शरीफ ने सीट नंबर एनए 130 पर 171024 वोटों से जीत दर्ज की है।
3. मरियम नवाज शरीफ- जीतीं
नवाज शरीफ की बेटी पीएमएलएन की मरियम नवाज शरीफ सीट नंबर-119 से 83855 सीटों से जीत गई हैँ।
4. शहबाज शरीफ- जीते
पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ 63951 वोटों से चुनाव जीत गए हैं।

‘आर्थिक संकट के बावजूद विकास की उम्मीद’, श्रीलंकाई संसद के सत्र में बोले राष्ट्रपति विक्रमसिंघे

नकदी संकट से जूझ रही श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के संकेत राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने दिए हैं। बुधवार को राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि पिछली साल नकारात्मक वृद्धि के बावजूद देश ने 2023 की तीसरी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की विकास दर के साथ वापसी की है। गौरतलब है कि 1977 के बाद पहली बार 2023 के अंत तक अधिशेष भी हासिल किया है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे श्रीलंकाई संसद के पांचवें सत्र के पहले दिन सरकारी नीतियों पर भाषण दे रहे थे।

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में हो रहा सुधार- विक्रमसिंघे
संसद में अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि 2022 में 7.8 फीसदी जीडीपी संकुचन और लगातार छह तिमाहियों से नकारात्मक वृद्धि के बावजूद देश ने 2023 की तीसरी तिमाही में देश ने वापसी की है। इसके साथ ही विक्रमसिंघे ने आगे देश के आर्थिक परिदृश्य में एक जरूरी बदलाव की घोषणा भी की है। उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए यह घोषणा की है कि सरकार को उम्मीद है कि आर्थिक सुधारों को लागू करना जारी रखकर देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करते हुए लोगों पर कर का बोझ कम किया जाएगा। राष्ट्रपति ने पांचवें सत्र के उद्घाटन को एक औपचारिक समारोह के रूप में आयोजित करने का निर्देश दिया था।

भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने पर जोर
इससे पूर्व जनवरी माह में अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका और भारत के जमीन संपर्क को बेहद अहम करार दिया है। उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र के विकास पर चर्चा के लिए जाफना का दौरा किया था। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्वोत्तर मन्नार और दक्षिण भारत के बीच पुल बनाने के विचार पर चर्चा की है। विक्रमसिंघे ने कहा, दिवालिया हो चुकी श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था को दोबारा मजबूत बनाने के लिए वह ऐसे फैसले लेने को भी तैयार हैं, जो जनता की नजर में अलोकप्रिय हो सकते हैं। उन्होंने उत्तरी क्षेत्र जाफना की अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने के तरीकों पर काम करने का वादा भी किया था।

निर्दलीय उम्मीदवार के कार्यालय के बाहर विस्फोट; 25 की मौत, 40 घायल…

पाकिस्तान में आम चुनाव से एक दिन पहले बुधवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय के बाहर भीषण बम विस्फोट हुआ। इस दौरान 25 लोग मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हो गए हैं। विस्फोट बलूचिस्तान के पिशिन जिले में खानोजई क्षेत्र स्थित निर्दलीय उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के कार्यालय के बाहर हुआ।

पांगुर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब्दुल्ला जेहरी ने कहा, ‘‘निर्दलीय उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के कार्यालय के बाहर भीषण बम विस्फोट हुआ। इस घटना में कम से कम 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।’’ पुलिस ने बताया कि बम उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय के बाहर एक बैग में रखा गया था जिसमें ‘टाइमर’ लगा था। पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होना है और इससे पहले बलूचिस्तान में हिंसा चरम पर है।

अमेरिका में एक और भारतीय छात्र की मौत, इंडियाना में मृत मिला; इस साल ऐसी छठी घटना

अमेरिका में भारतीय छात्रों को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इंडियाना राज्य के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में भारतीय छात्र मृत पाया गया। वहीं, एक अन्य भारतीय छात्र पर शिकागो में हमला किया गया गया। रविवार के बाद से देश में इस तरह की छह घटनाएं सामने आ चुकीं हैं।

विश्वविद्यालय की स्वतंत्र समाचार एजेंसी ‘द पर्ड्यू एक्सपोनेंट’ के मुताबिक, तेईस वर्षीय समीर कामथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट के अभ्यर्थी थे। वह सोमवार को वॉरेन काउंटी में मृत पाए गए। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख एकहार्ड ग्रोल ने मंगलवार को समीर की मौत की पुष्टि की। एजेंसी ने कहा कि समीर का शव का जंगल में मिला। समीर ने मैसैचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्याल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। इसके बाद वह 2021 के गर्मी के दिनों में पर्ड्यू आए थे। उन्हें 2025 में डॉक्टरेट कार्यक्रम में शामिल होना था।

शिकागो में भारतीय आईटी छात्र पर हमला

एक अन्य घटना में, भारतीय आईटी छात्र सैयद मजाहिर पर रविवार को शिकागो शहर में हमला किया गया। घटना उनके घर के पास ही हुई। अज्ञात लोगों ने उनका पीछा किया और बेरहमी से हमला किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें अली खून से लथपथ दिखाई दे रहे हैं।

अली करीब छह महीने पहले हैदराबाद से अमेरिका आए थे। उन्होंने एक समाचार चैनल को बताया कि हमलावरों में से एक ने उन पर बंदूक तान दी थी। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि अली रात हाथ में एक पैकेट ले जाते हुए अपने घर जा रहे हैं। तभी तीन लोग उनका पीछा करते हैं। इसके बाद वे अली पर हमला कर देते हैं।

अली ने बताया कि उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनका उपचार हुआ। उन्होंने कहा, अमेरिका मेरा सपनों का देश रहा है और मैं यहां अपने सपनों को पूरा करने के लिए आया हूं। इस घटना ने मुझे सहमा दिया है। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने अब तक किसी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया है। मामले की जांच जारी है।

वहीं, इस मामले पर भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने भी प्रतिक्रिया दी है। महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर लिखा कि वह अली और उनकी पत्नी सैयदा रुकिया फातिमा रिजवी के संपर्क में है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। महावाणिज्य दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों से भी संपर्क किया है। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। अली की पत्नी रुकिया ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी संपर्क किया है और तीन नाबालिग बच्चों के साथ अमेरिका जाने में मदद करने का अनुरोध किया है।

कट्टरपंथी इस्राइली नागरिकों-हमास नेताओं पर प्रतिबंध लगाएगा कनाडा, कहा- इनसे क्षेत्र की शांति को खतरा

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कहा है कि कनाडा फलस्तीन के हिस्से वाले क्षेत्र पर कब्जा करने वाले कट्टरपंथी इस्राइली नागरिकों और हमास नेताओं पर प्रतिबंध लगाएगा। एक मीडिया इंटरव्यू में जॉली ने कहा सरकार सक्रिय तौर पर इस दिशा में काम कर रही है। मेलानी जॉली ने हाल ही में यूक्रेन का दौरा किया और वहां यूक्रेनी अधिकारियों से मुलाकात की।

हमास नेताओं के साथ ही कट्टरपंथी इस्राइली नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाएगा कनाडा
मेलानी जॉली ने कहा कि हम कट्टरपंथी सेटलर्स पर प्रतिबंध लगाएंगे और साथ ही हमास नेताओं पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। शुक्रवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी अपने एक बयान में कहा था कि वह वेस्ट बैंक में अवैध रूप से बसने वाले कट्टरपंथी इस्राइलियों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। ट्रूडो ने कहा वेस्ट बैंक में जमीन कब्जाने के लिए हो रही हिंसा अस्वीकार्य है और इससे क्षेत्र की शांति और स्थिरता खतरे में आ सकती है। दो देशों वाले समाधान की दिशा में बढ़ना जरूरी है।

मेलानी जॉली ने कहा कि कनाडा युद्ध को खत्म कराने का रास्ता ढूंढने के लिए समर्पित है, साथ ही विवाद का समाधान का भी पक्षधर है। हम चाहते हैं कि हमास अपने हथियार डाले, जिससे युद्धविराम हो सके। जॉली ने कहा हम सबसे पहले चाहते हैं कि बंधकों को छोड़ने की डील हो। साथ ही गाजा में मानवीय राहत पहुंचाई जाए। हमें एक संशोधित फलस्तीनी अथॉरिटी चाहिए। साथ ही हम इस्राइल में ऐसी सरकार चाहते हैं जो दो देश समाधान की दिशा में अहम काम करने की इच्छुक हो।

अमेरिका ने 7 अक्तूबर के बाद से हमास पर पांच राउंड प्रतिबंध लगाए हैं। बीते हफ्ते भी अमेरिका ने हमास पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका ने वेस्ट बैंक में बढ़ रही हिंसा पर भी चिंता जताई। दरअसल वेस्ट बैंक में कट्टरपंथी इस्राइली नागरिक बस रहे हैं और साल 2023 में इनकी संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। इस पर पश्चिमी देशों ने गहरी चिंता जताई है।

10 मार्च से पहले भारत लौटेंगे सैन्यकर्मी, राष्ट्रपति मुइज्जू बोले- देश की संप्रभुता से समझौता नही

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को बताया कि 10 मार्च से पहले भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले समूह को भारत वापस भेज दिया जाएगा। वहीं दो विमानन प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे शेष भारतीयों को 10 मई तक वापस भेजा जाएगा। संसद में अपने संबोधन के दौरान मुइज्जू ने कहा कि उनका मानना है कि मालदीव के अधिकांश लोग इस उम्मीद के साथ उनकी सरकार का समर्थन करते हैं कि वे देश से विदेशी सैनिकों को हटा देंगे। इसके साथ ही उनका लक्ष्य खोए हुए समुद्री क्षेत्र को वापस पाना है।

संप्रभुता से समझौता नहीं: मुइज्जू
मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे किसी भी राज्य समझौते की अनुमति नहीं देता है, जो देश की संप्रभुता से समझौता करें। 17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने 88 सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की अपील की थी। अन्य देशों के साथ राष्ट्रपति मुइज्जू की कूटनीतिक चर्चाएं भी जारी है।

मुइज्जू ने कहा, हमने भारत से सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘हाल ही में हुए चर्चाओं के अनुसार, तीन विमानन प्लेटफॉर्मों में से एक से भारतीय सैन्यकर्मियों को 10 मार्च से पहले वापस बुलाने के लिए कहा गया है। बाकी के दो प्लेटफॉर्म से भी 10 मार्च तक वापस बुला लिया जाएगा।’

भारतीय सैन्यकर्मी मानवीय मिशनों का रह चुके हैं हिस्सा
मालदीव के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भारत ने दो फरवरी को कहा था कि द्वीप राष्ट्र में भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म के संचालन को जारी रखने के लिए मालदीव के साथ समाधानों पर सहमति व्यक्त की गई है। वर्तमान में, भारतीय सैन्यकर्मी दो हेलीकॉप्टर और एक विमान संचालित करने के लिए मालदीव में हैं। ये सैन्यकर्मी सैकड़ों चिकित्सा निकासी और मानवीय मिशनों का हिस्सा रह चुके हैं।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से भारत की तरफ से मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान की गई है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि उनका प्रशासन ऐसा कुछ नहीं करने वाला है जिससे देश की संप्रभुता से समझौता करना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि अगर इससे देश की संप्रभुता को खतरा होता है तो वह किसी भी बाहरी दवाब के सामने नहीं झुकेंगे।

अशांत बलूचिस्तान में अधिकतर मतदान केंद्र संवेदनशील या अति संवेदनशील, महज 19 फीसदी सामान्य

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में झड़प और हिंसा की खबरें सामने आने लगी हैं। अशांत बलूचिस्तान प्रांत में चुनाव के मद्देनजर स्थापित किए गए 80 फीसदी मतदान केंद्रों को संवेदनशील या अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है। बलूचिस्तान के कुल 5,028 मतदान केंद्रों में से केवल 961 यानी करीब 19 फीसदी सामान्य हैं।

सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंता
बलूचिस्तान के गृह मंत्री जुबैर जमाली ने प्रांत में चुनाव के दौरान संभावित सुरक्षा चुनौतियों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों, सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों पर हमले की कोशिश के मद्देनजर मतदान के दिन सुरक्षा बहुत कड़ी होगी। वहीं, उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान में कुल 5,028 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से केवल 961 को सामान्य के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा 2,337 मतदान केंद्रों को ‘संवेदनशील’ और 1,730 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है।

इंटरनेट सेवाएं रहेंगी बंद
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई ने रविवार को घोषणा की थी कि जिन इलाकों में मतदान केंद्र संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं, वहां इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगी। उन्होंने कहा था कि हिंसा भड़काने और अफवाह फैलाने के लिए आतंकवादी और शरारती तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए ऐसे खतरों से बचने के लिए टर्बत, माछ और चमन सहित विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेट तक पहुंच प्रतिबंधित होगी।

यह हो चुकी हैं घटनाएं
प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से जुड़े आतंकवादियों ने पिछले सप्ताह माछ जेल के कैदियों को छुड़ाने के लिए माछ और कोलपुर शहरों में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनकी कोशिश को विफल कर दिया था। हालांकि, अभियान के दौरान चार सुरक्षाकर्मी, दो नागरिक और कम से कम 24 आतंकवादी मारे गए। बलूचिस्तान में चुनावी हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। जनवरी में बलूचिस्तान के सिबी शहर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की पार्टी की रैली में हुए बम विस्फोट में चार लोग मारे गए थे और छह अन्य घायल हो गए थे।

मतदान केंद्रों पर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा बलों की तैनाती
प्रांतीय सरकार ने चुनाव संबंधी हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर पहले ही राजनीतिक रैलियों और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जमाली ने कहा कि मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी, खासकर संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में। पिछले साल से बलूचिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है, खासकर संघीय सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) संगठन के बीच नवंबर 2022 में संघर्ष विराम समाप्त होने के बाद।

आम चुनाव से पहले मतपत्रों का वितरण शुरू, करीब 18 हजार उम्मीदवार मैदान में

पाकिस्तान में आठ फरवरी को मतदान होने हैं। चुनाव आयोग ने नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं के 859 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 26 करोड़ मतपत्रों का वितरण शुरू कर दिया है। संसद के निचले सदन और चार प्रांतीय विधानसभाओं की 336 सीटों के लिए मतदान होगा। नेशनल असेंबली और पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा व ब्लूचिस्तान की प्रांतीय विधानसभाओं के लिए करीब 18 हजार उम्मीदवार मैदान में हैं। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’अखबार ने सोमवार को चुनाव आयोग (ईसीपी) के एक प्रवक्ता के हवाले से खबर दी कि तीन सरकारी प्रेस में मतपत्रों की छपाई का काम पूरा हो गया है। उम्मीदवारी से जुड़ी याचिकाओं पर अदालत के फैसले के बाद कुछ मतपत्रों को फिर से छापना पड़ा है।

प्रवक्ता ने बताया कि इस बार छपाई की प्रक्रिया के लिए 2,170 टन कागज का इस्तेमाल किया गया, जो 2018 के बाद सबसे ज्यादा है। मतपत्रों की संख्या बढ़कर 26 करोड़ हुई है, जो पिछले आम चुनाव के मतपत्रों से चार करोड़ ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि कम समय और चुनौतियों के बावजूद आयोग ने समय पर मतपत्रों की छपाई का काम पूरा किया है।

प्रवक्ता ने कहा, मतपत्रों के वितरण की प्रक्रिया देशभर में शुरू हो गई और इसे सोमवार सोमवार शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। चुनाव से जुड़ी किसी शिकायत को निपटाने के लिए आयोग ने केंद्रीय नियंत्रण और निगरानी केंद्र भी बनाया है। जिसे विभिन्न प्रकार की 221 शिकायतें मिली हैं। उनमें से 198 शिकायतों को निवारण किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि कुछ निर्वाचन अधिकारियों से चुनाव प्रबंधन प्रणाली के बारे में शिकायतें मिली हैं और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

इस बीच, कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा कि 12 करोड़ से ज्यादा लोग आम चुनाव में मतदान के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं। उन्होंने कहा, कार्यवाहक सरकार ने चुनाव की प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग की हर तरह से मदद की है। सोलांगी ने कहा कि संविधान के मुताबिक, देश को इसके निर्विचत प्रतिनिधियों के द्वारा चलाया जाएगा। उन्होंने कहा, चुनाव अब कुछ दिन ही दूर हैं। लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे।

हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका-यूके का संयुक्त हमला, 10 अलग-अलग स्थानों के 30 लक्ष्यों को किया बर्बाद

इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इसका असर मध्यपूर्व के अलग-अलग देशों में दिखाई दे रहा है। ईरान, जॉर्डन, सीरिया और हूती सहित अन्य देश और संगठन अमेरिका के खिलाफ हमलावर हैं। इस बीच अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और यूनाइडेट किंगडम ने शनिवार को हूती ठिकानों के खिलाफ हवाई और जमीन पर हमले किए। दोनों देशों ने हूती के 10 अलग-अलग ठिकानों पर 30 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया। हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के साथ एक संयुक्त बयान जारी किया। बयान में उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लाल सागर में शांति स्थापित करना है। हम लाल साहर में तनाव कम करना चाहते हैं। हम विश्व के महत्वपूर्ण जलमार्गों मे से एक की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे।

यूएस सेंट्रल कमांड ने बताया कि अमेरिका सेना ने शनिवार 19.20 बजे आत्मरक्षा में लाल सागर में विद्रोहियों द्वारा तैयार किए गए छह एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइलों के खिलाफ हमला किया। कमांड की मानें तो, लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के जहाजों और व्यापारिक जहाजों के लिए खतरा पैदा किया जा रहा था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों पर अमेरिकी हमलों पर चर्चा करने के लिए आपातकालीन बैठक आयोजित करने को तैयार हुआ है। सोमवार को आपातकालीन बैठक होगी। बैठक का आयोजन सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य और ईरान के करीबी रूस के अनुरोध पर आयोजित की जा रही है।

अमेरिका के खिलाफ इसलिए हो रहे हैं हमले
बता दें, गाजा में हो रहे इस्राइल हमलों से मध्यपूर्व बौखलाया हुआ है। मध्यपूर्व गाजा में हो रहे हमलों का कारण अमेरिका को मानता है। इसी वजह से हूती विद्रोही अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों के खिलाफ हमले कर रहे हैं। साथ ही कभी ईरान तो कभी जॉर्डन को कभी सीरिया में अमेरिकी सेना और अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमले हो रहे हैं। हाल ही में तुर्किये में दो बंदूकधारी एक अमेरिकी कंपनी में घुस गए, उन्होंने कंपनी में मौजूद सात लोगों को को बंधक बना लिया।

यूक्रेन के मोर्चे पर लड़ रहे सैनिकों की पत्नियों ने किया प्रदर्शन, विदेशी पत्रकारों समेत कई हिरासत में

रूस की राजधानी मॉस्को में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों में कई विदेशी पत्रकार भी शामिल हैं। ये प्रदर्शन राष्ट्रपति पुतिन के चुनाव मुख्यालय के बाहर किया गया। यह प्रदर्शन यूक्रेन के मोर्चे पर लड़ रहे रूसी सैनिकों की पत्नियों और अन्य परिजनों ने आयोजित किया। इन महिलाओं की मांग थी कि उनके पतियों, बच्चों को घर वापस लाया जाए।

मोर्चे पर लड़ रहे सैनिकों की पत्नियों ने किया प्रदर्शन
रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए 500 दिन बीत चुके हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में महिलाएं क्रेमलिन में इकट्ठा हुईं और फिर वहीं पर मौजूद राष्ट्रपति पुतिन के चुनाव मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ से कई लोगों को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए लोगों में कई विदेशी पत्रकार भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 27 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिन्हें पुलिस वैन में डालकर कितेय-गोराड स्टेशन ले जाया गया। कई प्रदर्शनकारियों को छोड़ दिया गया है और कई अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं। रूस के स्वतंत्र मीडिया के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोगों को रिपोर्ट्स लिखे जाने तक कानूनी मदद भी नहीं दी गई थी।

कई विदेशी पत्रकार भी हिरासत में लिए गए
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिरासत में लिए गए विदेशी पत्रकारों में फ्रांस प्रेस, स्पीगल और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं। साथ ही जापानी टेलीविजन कंपनी फ्यूजी के प्रतिनिधि आंद्रेई जाइको भी शामिल हैं। ये विरोध प्रदर्शन मॉस्को के रेड स्कवायर के नजदीक हुए। रूस में जल्द ही आम चुनाव होने हैं और इन चुनाव में व्लादिमीर पुतिन का एक बार फिर से रूस का राष्ट्रपति बनना तय दिख रहा है। रूस में 15-17 मार्च तक चुनाव होंगे और विजेता का एलान मई में किया जाएगा।

साल 1999 में अपने कार्यकाल के आखिरी दिन रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति येल्तसिन ने व्लादिमीर पुतिन को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था। इसके बाद साल 2000 में हुए रूसी चुनाव में पुतिन 53 प्रतिशत वोटों से जीते और साल 2004 में उन्हें 71 प्रतिशत वोट मिले। 2008 में पुतिन के करीबी दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने और साल 2012 में फिर से पुतिन 63 प्रतिशत वोट पाकर राष्ट्रपति बने। साल 2018 में भी पुतिन को 76 फीसदी मत मिले।