Sunday , May 5 2024

विदेश

पाकिस्तान में ऑनलाइन फंड जुटा रही थी इमरान खान की पार्टी, हो गया इंटरनेट डाउन

पू्र्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई वर्चुअल फंडरेजर लॉन्च करने वाली थी लेकिन, उससे पहले ही उनके अभियान को नजर तब लग गई जब देशभर में इंटरनेट डाउन हो गया। पार्टी के लिए यह एक महीने में दूसरा झटका है। पीटीआई ने आरोप लगाया है कि पहले भी पार्टी के एक कार्यक्रम से पहले देशभर में इंटरनेट बंद कर दिया गया था। इस बार भी ऐसा ही किया गया है। इस बार भी लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे।

पाकिस्तान में एक बार फिर बड़े पैमाने पर इंटरनेट और सोशल मीडिया एप्लिकेशन्स प्रभावित हुए हैं। देश भर के इंटरनेट यूजर्स ने कंप्लेन की है कि उन्हें फेसबुक, इंस्टाग्राम, X, स्ट्रीमिंग इत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यूज करने में दिक्कत हो रही थी। संयोग से पाकिस्तान में इंटरनेट डाउन ऐसे वक्त पर हुआ है जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई ऑनलाइन फंड जुटाने के लिए वर्चुअल फंडरेजर लॉन्च करने वाली थी।

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लाइव मेट्रिक्स एक्स/ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर राष्ट्र-स्तरीय व्यवधान देखा गया है।” पिछले महीने, पीटीआई द्वारा एक वर्चुअल पावर शो के दौरान इंटरनेट डाउन की एक ऐसी ही घटना सामने आई थी।

बता दें कि पीटीआई 7 जनवरी रात 9 बजे ऑनलाइन फंड जुटाने के लिए वर्चुअल फंडरेजर लॉन्च करने वाली थी लेकिन, शाम 6 बजे के आसपास देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को इंटरनेट यूज करने में दिक्कत होने लगी। कई लोगों ने कंप्लेन की कि वे इंटरनेट और कई सोशल मीडिया ऐप्स यूज नहीं कर पा रहे हैं।

निशाने पर पाकिस्तानी सरकार
इंटरनेट डाउन पर पीटीआई नेताओं और समर्थकों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार उनकी पार्टी को दबाने के लिए ऐसा कर रही है। X पर पीटीआई ने कहा, “बिल्कुल शर्मनाक! पाकिस्तानियों को लगातार हो रहे इस नुकसान के लिए कार्यवाहक आईटी मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।” पार्टी नेता तैमूर सलीम खान झागरा ने कहा, “एक और पीटीआई ऑनलाइन कार्यक्रम। एक और बार इंटरनेट शटडाउन।”

बलूच, सिंधी और पश्तूनों ने पाकिस्तान के खिलाफ किया प्रदर्शन, सेना पर लगाए गंभीर आरोप

कनाडा में रहने वाले बलूच, सिंधी और पश्तून लोगों ने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में बलूच लोगों द्वारा निकाले जा रहे मार्च को भी अपना समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में हजारों बलूच लोगों के गायब होने, हत्याओं और उत्पीड़न की जिम्मेदार पाकिस्तान की सरकार है। पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच, सिंधी और पश्तूनों का उत्पीड़न किया जाता है।

कनाडा को टोरोंटो में किया प्रदर्शन
यह प्रदर्शन कनाडा के टोरोंटो में बलूच ह्युमन राइट्स काउंसिल ऑफ कनाडा, वर्ल्ड सिंधी काउंसिल और पश्तून काउंसिल कनाडा ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। प्रदर्शन के दौरान बलूच, सिंधी और पश्तून लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई। आरोप लगाया कि पश्तूनों, सिंधियों और बलूचों के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गायब किया जा रहा है या फिर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। लोगों के गायब होने, गैर न्यायिक हिरासत में मौत होने और हत्याओं में पाकिस्तान के काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट का हाथ है।

बलूचों के मार्च का किया समर्थन
गौरतलब है कि पाकिस्तान में बलूच लोगों पर पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों से पूरी दुनिया वाकिफ है। बलूचिस्तान में हजारों लोग बीते सालों में गायब हुए हैं और बड़े पैमाने पर गैर न्यायिक हिरासत में लोगों की मौत हुई है। बीती नवंबर को बलूच मोला बख्श नाम के एक 24 वर्षीय युवक के गायब होने के बाद बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन हुए। बलूच सामाजिक कार्यकर्ता महरंग बलूच के नेतृत्व में लोगों ने बलूचिस्तान से लेकर इस्लामाबाद तक मार्च निकाला और अभी भी बलूच प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मार्च के दौरान पाकिस्तान की पुलिस पर भी बलूच महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बल प्रयोग करने और बड़ी संख्या में बलूच प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का आरोप लगा। बलूचिस्तान के लोग खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते और अलग देश की मांग करते हैं। यही वजह है कि वहां पर लंबे समय से अशांति है।

‘यह भयावह भाषा है…’, पीएम मोदी के खिलाफ मंत्री के आपत्तिजनक पोस्ट पर भड़के पूर्व राष्ट्रपति नशीद

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मालदीव की एक मंत्री की पोस्ट पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल इस पोस्ट में मालदीव की मंत्री मरियम शिउना ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस पर मोहम्मद नशीद ने कड़ी आपत्ति जताई और एक पोस्ट के जरिए मंत्री की भाषा को भयावह बताया।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने मंत्री के बयान की आलोचना की
मोहम्मद नशीद ने अपने पोस्ट में लिखा कि ‘मालदीव सरकार की मंत्री मरियम शिउना ने हमारे सहयोगी देश के नेता के खिलाफ भयावह भाषा का इस्तेमाल किया है, जबकि यह देश मालदीव की समृद्धि और सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु की सरकार को ऐसे बयानों से दूरी बरतनी चाहिए और भारत को यह बताना चाहिए कि ये बयान सरकार की नीति नहीं हैं।’ मोहम्मद नशीद भारत समर्थक नेता माने जाते हैं और वह साल 2008 में मालदीव के राष्ट्रपति चुने गए थे।

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे से छिड़ी बहस
पीएम मोदी हाल ही में लक्षद्वीप दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने देशवासियों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की। पीएम मोदी के दौरे के बाद सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से शुरू हो गई। भारत से हर साल बड़ी संख्या में लोग मालदीव घूमने जाते हैं। पीएम मोदी के दौरे के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने मालदीव की जगह लोगों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की। इसके चलते भारत में सोशल मीडिया पर मालदीव ट्रेंड करने लगा। इसका असर मालदीव पर पड़ा और मालदीव की सरकार के मंत्री तुरंत मालदीव के समर्थन में आ गए, लेकिन समर्थन के चक्कर में वह भारत और पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर उतर आए हैं।

भारत और मालदीव के रिश्तों में आई कड़वाहट
मालदीव, भारत का पुराना सहयोगी देश रहा है, लेकिन बीती नवंबर में मालदीव के आम चुनाव में मोहम्मद मुइज्जु की जीत के बाद दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी बर्फ जमी है। मुइज्जु को चीन समर्थक माना जाता है और मुइज्जु ने राष्ट्रपति बनते ही मालदीव से भारत की सेना की वापसी का एलान कर दिया।

हमास के इन पांच नेताओं को चाहकर भी नहीं पकड़ पा रहा इस्राइल, ये खत्म तो समझो पूरा संगठन खत्म

इस्राइल दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शुमार किया जाता है और इसकी खुफिया एजेंसी दुनिया की शीर्ष एजेंसियों में शामिल है। इतनी ताकत और दक्षता के बावजूद हमास ने पहले 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हमला किया। हमले के बाद अब इस्राइल हमास युद्ध को तीन महीने का समय भी बीत चुका है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अभी तक इस्राइल हमास के शीर्ष पांच नेताओं को पकड़ने में कामयाब नहीं हुआ है। ये नेता इतने अहम हैं कि अगर इन्हें इस्राइल ने पकड़ लिया या मार दिया तो हमास की कमर टूट जाएगी। तो आइए जानते हैं कि कौन हैं वो शीर्ष पांच नेता, जिन पर हमास का पूरा संगठन टिका है।
याह्या सिनवार
याह्या सिनवार गाजा पट्टी में हमास का शीर्ष नेता है। इस्राइल में 7 अक्तूबर को हुए हमास के हमले का मास्टरमाइंड भी याह्या सिनवार को माना जाता है। याह्या सिनवार को गाजा का सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। वह इस्राइल की कैद में रह चुका है और करीब 24 साल जेल में बिता चुका है। इस्राइली सैनिक गिलाद शालित के बदले में इस्राइल की जेल से 1027 फिलस्तीनी कैदी रिहा किए गए थे, उन्हीं कैदियों में याह्या सिनवार भी शामिल था।

इस्माइल हानियेह
इस्माइल हानियेह हमास के पोलितब्यूरो का प्रमुख है और वह कई साल इस्राइल में बतौर मिस्त्री काम कर चुका है। हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन के निजी सहायक के तौर पर भी इस्माइल हानियेह काम कर चुका है। साल 1992 में वह लेबनान चला गया था लेकिन बाद में वापस गाजा लौट आया था। गाजा में कई रियल एस्टेट इमारतों का मालिकाना हक इस्माइल हानियेह के पास है।

मोहम्मद दाएफ
मोहम्मद दाएफ हमास के सैन्य बल का प्रमुख है और कई आत्मघाती हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। हमास के रॉकेट हमलों और गाजा में सुरंगों का जाल बनाने के काम के पीछे भी मोहम्मद दाएफ का ही हाथ माना जाता है। इस्राइल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में दाएफ शीर्ष पर है। इस्राइल ने सात बार दाएफ पर हमला किया है लेकिन हर बार वह बच निकला है।

मारवान इस्सा
मारवान इस्सा, मोहम्मद दाएफ का डिप्टी है और हमास की सैन्य ईकाई में नंबर दो है। ऐसा कहा जाता है कि मारवान इस्सा बास्केटबॉल प्लेयर था और इस्राइल द्वारा गिरफ्तारी के बाद वह हमास से जुड़ गया था। इस्राइली सैनिक गिलाद शालित के बदले में फलस्तीनी कैदियों को रिहा कराने में भी मारवान इस्सा की अहम भूमिका थी।

मोहम्मद सिनवार
मोहम्मद सिनवार हमास के प्रमुख याह्या सिनवार का छोटा भाई है। मोहम्मद सिनवार हमास की खान यूनिस ब्रिगेड का प्रमुख है। इस्राइल कई बार सिनवार को पकड़ने की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार मोहम्मद सिनवार इन हमलों में बच निकला।

16,000 फीट की ऊंचाई पर निकल गई विमान की खिड़की, कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग, यात्री सुरक्षित

अमेरिका के पोर्टलैंड में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया। यहां अलास्का एयरलाइंस की एक फ्लाइट की खिड़की उड़ान के दौरान 16 हजार फीट की ऊंचाई पर अचानक से निकल गई। आनन-फानन में विमान की वापस पोर्टलैंड में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। बताया गया है कि विमान में 174 यात्री और छह क्रू सदस्य सवार थे। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इस घटना के बीच अलास्का एयरलाइंस ने बोइंग 737-9 शृंखला के सभी विमानों को परिचालन से हटाने की घोषणा कर दी है। विमान की खिड़की टूटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह वीडियो इसी विमान का है या नहीं।

स्थानीय मीडिया को मुताबिक, अलास्का एयरलाइंस की फ्लाइट 1282 छह मिनट तक 16,000 फीट की ऊंचाई पर रही। हालांकि, इसी दौरान एक यात्री की विंडो अचानक ही निकल गई। इसके चलते फ्लाइट का केबिन प्रेशर अचानक नीचे आ गया। इस घटना के तुरंत बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया और इसे लैंड कराया।

विपक्षी पार्टी बीएनपी ने रेल अग्निकांड को बताया सुनियोजित, संयुक्त राष्ट्र से जांच की मांग

बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) ने बांग्लादेश में हुए रेल अग्निकांड को सुनियोजित करार दिया है और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में घटना की जांच की मांग की है। शुक्रवार को बांग्लादेश के बेनापोल इलाके में बेनापोल एक्सप्रेस के चार डिब्बों में आग लग गई थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई। बेनापोल की सीमा भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल से लगती है। जब ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंचने ही वाली थी, तभी राजधानी ढाका के कमालपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में आग लग गई।

विपक्ष ने की संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में घटना की जांच की मांग
बांग्लादेश के रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन में अधिकतर यात्री भारत से लौट रहे थे। घटना पर बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के वरिष्ठ नेता रुहुल कबीर रिजवी ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि ट्रेन में कुछ उपद्रवियों द्वारा आग लगाने की घटना हृदयविदारक है। ट्रेन बेनापोल से ढाका जा रही थी। बीएनपी नेता ने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित घटना थी। उन्होंने घटना को मानवता के खिलाफ निर्दयी प्रताड़ना बताया और घटना की जांच संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में कराने की मांग की।

पीएम शेख हसीना ने दिए घटना की जांच के निर्देश
घटना पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दुख जताया है और घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की। घटना में घायल लोगों के तुरंत इलाज के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच करने के निर्देश दिए हैं। बांग्लादेश में रविवार को आम चुनाव होने हैं। इन चुनावों की निगरानी के लिए 100 से ज्यादा विदेशी पर्यवेक्षक ढाका पहुंच चुके हैं। पर्यवेक्षकों में तीन भारतीय भी शामिल हैं। अवामी लीग ने बीएनपी पर हिंसा फैलाने के आरोप लगाए हैं। शुक्रवार को खुलना में भी एक स्कूल में आग लगा दी गई थी। इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। हाल ही में एक पैसेंजर बस में भी आगजनी हुई थी।

बीएनपी ने शनिवार को ढाका के पालटन इलाके में सरकार के विरोध में रैली निकाली। बीएनपी का आरोप है कि बांग्लादेश में होने वाला चुनाव फर्जी है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ‘हम एक फर्जी चुनाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वह हमारा वोटिंग का अधिकार छीन रहे हैं। यह चुनाव नहीं है। हम अपने वोटिंग अधिकार चाहते हैं। हम लोकतंत्र चाहते हैं। बांग्लादेश के लोग अपने मताधिकार और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं और हम जीतेंगे।’

विपक्ष के बहिष्कार के बीच रविवार को होगा बांग्लादेश में चुनाव
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है। विपक्षी पार्टियों की मांग है कि चुनाव से पहले केयरटेकर सरकार का गठन किया जाए और उसकी देखरेख में निष्पक्षता से चुनाव होने चाहिए। हालांकि शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी की सरकार ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है। ऐसे में बांग्लादेश चुनाव में हिंसा भड़कने की आशंका है और पूरी दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं। शुक्रवार को घटी घटना को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

बांग्लादेश में चलती ट्रेन में आग लगने की जांच में जुटी CID, श्रीलंका में शुरू हुआ जल्लीकट्टू समारोह

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के गोपीबाग इलाके में पांच जनवरी की रात एक ट्रेन में उपद्रवियों ने आग लगा दी थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच सीआईडी टीम और फोरेंसिक टीम साथ में कर रही है। दोनों सबूत इकट्ठा करने में लगे हैं। वहीं, श्रीलंका में जल्लीकट्टू समारोह आज से शुरू हो गया है।

श्रीलंका का पहला जल्लीकट्टू समारोह आज शुरू
श्रीलंका का पहला जल्लीकट्टू समारोह आज त्रिंकोमाली में शुरू हुआ। उम्मीद जताई जा रही है कि इस कार्यक्रम में 200 बैल भाग ले सकते हैं। सुरक्षा के लिए 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं।बता दें, कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्वी प्रांत के गवर्नर सेंथिल थोंडमन और मलेशियाई सांसद एम. सरवनन ने किया।

बांग्लादेश में आम चुनाव से पहले मतदान केंद्रों में लगाई गई आग
बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाली आम चुनाव से पहले शनिवार को मतदान केंद्र बनाए गए दो स्कूलों में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। शनिवार को चटगांव के पटेंगा ईपीजेड इलाके के निश्चिंत पारा सरकारी प्राथमिक विद्यालय में आग लगाई गई।

डिप्टी कमीश्नर शकीला सुल्ताना ने बताया कि हेडमास्टर के कमरे में आग लगा लगाई गई। उस कमरे में रखी गई नई किताबे जलकर राख हो गई। उन्होने कहा कि पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है। गाजीपुर शहर में मतदान केंद्र बनाए गए एक अन्य स्कूल में भी आग लगाई गई है।

अज्ञात लोगों ने पूर्वी चंदना सरकारी प्राथमिक विद्यालय के ऑफिस रूम में रखे अलमारी में आग लगा दी, जिससे वहां रखे सभी दस्तावेज जल गए। इस घटना के बाद मतदान केंद्र बनाए गए अन्य पांच स्कूलों में भी गुरुवार और शुक्रवार को आग लगाई गई थी।

US की चेतावनी के बाद भी लाल सागर में नहीं थम रहे हमले, हूती विद्रोहियों ने फिर ड्रोन से बनाया निशाना

ईरान के हूती विद्रोहियों का लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाने का मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है। अमेरिका समेत 13 देशों के अंतिम चेतावनी के बाद भी विद्रोहियों ने लाल सागर में वाणिज्यिक शिपिंग लेन पर एक मानवरहित सतह ड्रोन (unmanned surface drone) से हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, गाजा युद्ध के मद्देनजर व्यापारिक जहाजों पर अपने हमलों की शुरुआत के बाद से हूतियों द्वारा इस तरह के हथियार का उपयोग करने का यह पहला मामला है।

अभी नुकसान का नहीं पता
अमेरिका के नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने कहा कि हूती द्वारा कर रहे हमलों में कमी आने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। मानवरहित सतह पोत (यूएसवी) से अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में हमला किया गया, जिसका मकसद स्पष्ट रूप से नुकसान पहुंचाना था। हालांकि, एक रिपोर्ट में कहा गया कि अभी यह नहीं पता चला है कि किसी विशेष जहाज को निशाना बनाया गया था या किसी को बिना नुकसान पहुंचाए विस्फोट हुआ। गौरतलब है, हूती विद्रोही व्यापार की दृष्टि से अहम लाल सागर के शिपिंग लेन में जहाजों को बार-बार हमलों से निशाना बना रहे हैं। उनका कहना है कि वे गाजा में फलस्तीनियों के समर्थन में हैं, जहां इस्राइल आतंकवादी समूह हमास से लड़ रहा है

इन देशों ने भी दी थी चेतावनी
हमलों से एक दिन पहले ही अमेरिका और 12 सहयोगियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर हमलों की निंदा की थी और कड़ी चेतावनी दी थी। बता दें, बयान पर हस्ताक्षर करने वाले अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन थे।

खतरनाक परिणाम होंगे
बयान में देशों ने कहा था, ‘अब हमारा संदेश स्पष्ट है। हम तुरंत इन हमलों को रोकने और गलत तरीके से लिए हिरासत में लिए गए जहाजों तथा चालक दल को रिहा करने का आह्वान करते हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया को हूती खतरनाक परिणामों के जिम्मेदार होंगे।’

पिछले साल एक कार्गो शिप ली थी कब्जे में
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल नवंबर में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने कब्जे में ले लिया था। उनका कहना था कि ये इस्राइल का है। वे इसे यमन के तट पर एक जगह ले गए थे। हालांकि, इस्राइल का कहना था कि न तो ये जहाज इस्राइल का था और न ही इसके क्रू का कोई सदस्य इस्राइली था।

ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल
तीन दिसंबर के बाद से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। इसके लिए उन्होंने यमन के तट पर अपने नियंत्रण वाले इलाके से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज इनकी चपेट में आ गए।

पश्चिमी देशों के दौरे पर जेलेंस्की, क्या मिल पाएगा रूस के खिलाफ लड़ने के लिए कोई साथी ?

रूस की आक्रामकता के बावजूद जंग के मैदान में यूक्रेन कड़ी टक्कर दे रहा है. वहीं ये जंग फिलहाल थमने वाली भी नहीं है. दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाने के लिए पश्चिमी देशों के दौरे पर निकल गए हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने स्वागत किया. जेलेंस्की और सुनक की इस मुलाकात में ब्रिटेन ने सैन्य सहायता, रक्षा मिसाइल और सशस्त्र ड्रोन देने की पेशकश की अपने समर्थन को दोहराया.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी देशों के दौरे पर हैं और समर्थन मांग रहे हैं. इसमें ब्रिटेन चौथा यूरोपीय देश है, जहां जेलेंस्की पहुंचे. इससे पहले वह जर्मनी, इटली और फ्रांस गए थे. वहीं रविवार को अचानक वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलने पेरिस पहुंच गए थे.

इसके मुताबिक दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान पीएम सुनक ने कहा कि यूक्रेन के युद्ध को न ही चुना और न ही उकसाया था. लेकिन अब उन्हें रूस के तेज हमलों से बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की जरुरत है. सुनक के कहा कि हमें यूक्रेन को निराश और हताश नहीं होने देना चाहिए.

एमजी मोटर इंडिया की इलेक्ट्रिक कार Comet EV की भारत में शुरू हुई बुकिंग, ये रही कीमत

MG मोटर इंडिया ने हाल ही में अपनी छोटू इलेक्ट्रिक कार Comet EV का भारतीय बाजार में लॉन्च किया था। कंपनी ने 15 मई 2023 से इस किफायती इलेक्ट्रिक कार की बुकिंग भी शुरू कर दी।

कंपनी के मुताबिक जल्द ही इस कार की डिलीवरी भी शुरू की जाएगी। कंपनी ने पहले 5000 ग्राहकों के लिए इसकी इंट्रोडक्ट्री कीमत 7.98 लाख रुपये तय की है। कार की बुकिंग से जुड़ी घोषणा करते हुए एमजी मोटर इंडिया ने बताया कि उसने इंडस्ट्री फर्स्ट ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ फीचर के साथ कॉमेट ईवी को पेश किया है

एमजी कॉमेट ईवी में IP67 रेटिंग और प्रिज्मैटिक सेल के साथ 17.3 kWh लिथियम-आयन बैटरी दी गई है। कंपनी का दावा है कि इस इलेक्ट्रिक कार को एक बार फुल चार्ज करने पर 230 किलोमीटर तक चला सकते हैं।  मोटर 41.4 एचपी पावर और 110 एनएम टार्क जेनरेट करता है। कॉमेट ईवी को 3.3 kW चार्जर की मदद से घर पर ही 7 घंटे में फुल चार्ज किया जा सकता है।