कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए हैं। पार्टी नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, राहुल गांधी की ‘सरेंडर’ बाबत की गई टिप्पणी, इस बात को स्पष्ट करती है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार भारत के राष्ट्रीय हितों को समर्पित किया है। खासतौर पर उन परिस्थितियों में, जब उन्हें अपेक्षित चतुराई और ‘विश्वगुरु’ का दर्जा दिखाने की आवश्यकता थी। खेड़ा ने इस बाबत कुछ स्पष्ट उदाहरण भी दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 357 मिलियन डॉलर देने का फैसला किया।

भारतीय सेना ने रिकॉर्ड पर कहा है कि, हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका निर्मित F-16 लड़ाकू विमानों को तैनात किया था। अब ट्रंप ने भारत को F-35 बेचने का करारा झटका दिया है। सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि F-16, F-35 की तुलना में हवाई लड़ाई में बेहतर हैं। यहां तक कि एलन मस्क ने भी उन्हें ‘JUNK’ कहा था।

पवन खेड़ा ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता में कहा, एक तरफ अमेरिका, पाकिस्तान के स्वामित्व वाले F-16 के रखरखाव के लिए पैसे दे रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बार-बार दावे – 21 दिनों में 11 – कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के लिए हस्तक्षेप किया, यह दर्शाता है कि कैसे मोदी सरकार ने भारत के हितों को समर्पित किया। शिमला समझौते में भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख की अवहेलना की। भारत और पाकिस्तान को एक साथ रखा, यहां तक कि अमेरिका को ‘तटस्थ स्थल’ पर बातचीत करने की अनुमति दी।

23 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड डब्ल्यू. लुटनिक ने संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि यह युद्धविराम केवल राष्ट्रपति ट्रम्प के हस्तक्षेप के बाद ही प्राप्त हुआ है। दोनों देशों को पूर्ण पैमाने पर युद्ध को टालने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार करने की पेशकश की। इस मामले में राष्ट्रपति की शक्ति को बाधित करने वाला एक प्रतिकूल निर्णय भारत और पाकिस्तान को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की पेशकश की वैधता पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और लाखों लोगों के जीवन को खतरा हो सकता है।

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