लखनऊ: केस 1 : शोभित यादव वृंदावन सेक्टर पांच के रहने वाले हैं। उन्हें शनिवार को पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई जाना था। उन्होंने स्लीपर में टिकट बुक करवाने का प्रयास किया, लेकिन रिग्रेट होने से मायूस हो गए। शनिवार रात वह स्टेशन पहुंचे और टीटीई से एक्स्ट्रा फेयर टिकट (ईएफटी) बनवाया। उन्होंने टिकट दर 635 रुपये के अतिरिक्त 250 रुपये जुर्माना भरा और यात्रा की।

केस 2 : नेहा सिंह पेशे से इंजीनियर हैं। दिल्ली जाने के लिए आईआरसीटीसी एप पर लखनऊ मेल में थर्ड एसी बुकिंग में रिग्रेट चल रहा था। आरक्षण केंद्र पहुंचने पर भी टिकट बुक नहीं हुआ। नतीजा, वह रविवार को यात्रा नहीं कर सकीं। अब सोमवार सुबह वह तत्काल कोटे में किस्मत आजमाएंगी। टिकट नहीं मिलने पर बस से दिल्ली जाएंगी।

ये दो केस महज बानगी हैं। इन दिनों रेलवे का नया नियम यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। स्लीपर व एसी बोगियों में वेटिंग टिकटों की संख्या सीमित करने से टिकट बुकिंग रिग्रेट हो रही है। मजबूरी में यात्री स्टेशन पर टीटीई से एक्स्ट्रा फेयर टिकट (ईएफटी) बनवाकर सफर करने का मजबूर हैं। ईएफटी पर टिकट मूल्य के साथ 250 से 400 रुपये तक जुर्माना भी वसूला जाता है। हफ्तेभर में 32 हजार यात्रियों ने ईएफटी पर यात्रा की है। इन्होंने 2.25 करोड़ रुपये अदा किए हैं। इनसे ईएफटी के एवज में 80 लाख रुपये जुर्माना भी वसूला गया है।

नये नियम के अनुसार ट्रेनों में कुल सीटों की 25 प्रतिशत सीटें ही वेटिंग में बुक होंगी। इसके बाद बुकिंग रिग्रेट हो जाता है और टिकट बुक नहीं होते। ये व्यवस्था अभी ट्रायल पर है। लखनऊ से दिल्ली, मुंबई, हावड़ा आदि रूट की ट्रेनों में वेटिंग का कोटा तेजी से भर जा रहा है। इसके बाद यात्रियों को ऑनलाइन या काउंटर से टिकट मिल ही नहीं रहे हैं। ऐसी स्थिति में स्लीपर व थर्ड एसी से सफर करने वाले बगैर टिकट ही स्टेशन पहुंच रहे हैं। टीटीई से ईएफटी बनवा रहे हैं। अफसरों के अनुसार उत्तर, पूर्वोत्तर, उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर एक हफ्ते के अंदर ईएफटी बनवाने वालों की संख्या अचानक से बढ़ गई है।

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