पीलीभीत: पीलीभीत में सोमवार को जिलेभर में मूसलाधार बारिश हुई। इससे जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं निचले इलाकों में जलभराव होने से लोगों को परेशानी हुई। पूरनपुर तहसील क्षेत्र में शारदा नदी के उफनाने से चंदिया हजारा के समीप बनाया गया तटबंध (डौला) और परकोपाइन का कार्य क्षतिग्रस्त हो गया। पिछले साल नौ करोड़ और इस साल तीन करोड़ रुपये की लागत से यह बचाव कार्य कराया गया है। राहुलनगर के समीप बचाव कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका। तटबंध और परकोपाइन का क्षतिग्रस्त होने से खेतों में जलभराव हुआ है। शारदा नदी का जलस्तर और बढ़ने पर बाढ़ की आशंका से नदी किनारे के लोगों में खलबली मची है।
शारदा नदी की बाढ़ और कटान से बचाव के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये ठिकाने लगाए जाते हैं। पहली बारिश में ही गांव चंदिया हजारा के समीप पिछले साल और इस साल साल बनाए गए तटबंध के जोड़ के समीप से कराया गया बचाव कार्य क्षतिग्रस्त हो गया।
पिछले साल नौ करोड़ रुपये से तटबंध और इतनी ही लागत से नदी का चेनेलाइजेशन कराया गया था। मगर पिछले साल ही बाढ़ ने क्षेत्र में तबाही मचाई थी। तब क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मत की गई थी। चंदिया हजारा और राहुलनगर के समीप बचाव कार्य की मांग पर इस साल भी तीन करोड़ रुपये की लागत से बचाव कार्य कराया गया। राहुलनगर के समीप बचाव कार्य पूरा भी नहीं हो सका।
खेतों में भरा नदी का पानी
चंदिया हजारा के समीप पिछले साल बनाए गए तटबंध के आगे बचाव कार्य किया गया। रविवार रात को हुई मूसलाधार बारिश में पिछले और इस साल हुए बचाव कार्य के जोड़ के समीप तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया। इससे नदी का पानी खेतों में भरना शुरू हो गया। उधर, नदी का जलस्तर बढ़ने पर नदी किनारे के लोगों में बाढ़ की आशंका को लेकर खलबली मची है। चंदिया हजारा के प्रधान वासुदेव कुंडू ने बताया कि बचाव कार्य क्षतिग्रस्त होने की सूचना बाढ़ खंड और राजस्व विभाग के अफसरों को दे दी गई है।
बाढ़ में दूरसंचार व्यवस्था दुरुस्त रखने की मांग
शारदा की बाढ़ से आबादी में जलभराव होने के साथ रास्तों में जलभराव हो जाता है। आबादी में जलभराव पर अनहोनी की आशंका पर बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाती है। बिजली आपूर्ति बंद होने से क्षेत्र में लगे मोबाइल टावर भी बंद हो जाते हैं। इसकी वजह जलभराव को लेकर टावरों को संचालित करने को डीजल आदि भी नहीं पहुंच पाता। लोगों ने डीएम ने बाढ़ में दूरसंचार व्यवस्था दुरुस्त रखने की मांग की है। इसके लिए टावरों पर अतिरिक्त डीजल पहले से उपलब्ध कराने की मांग की गई।