अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर कहा कि अगर मैंने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया होता और व्यापार वार्ता रोकने की धमकी नहीं दी होती तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया होता। दोनों देश आज लड़ रहे होते।
स्कॉटलैंड में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ आधिकारिक वार्ता से पहले ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान सहित दुनिया भर में छह बड़े युद्धों को रोकने के लिए कदम उठाने का श्रेय लिया। ट्रंप ने कहा कि हमारे बीच कई युद्धविराम चल रहे हैं। अगर मैं नहीं होता तो छह बड़े युद्ध चल रहे होते। भारत-पाकिस्तान के साथ लड़ रहा होता।
उन्होंने कहा कि हमारे कई ऐसे हॉटस्पॉट हैं जहां युद्ध छिड़ा हुआ था। मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान एक बहुत बड़ा हॉटस्पॉट थे, क्योंकि वे दोनों परमाणु संपन्न देश हैं। यह एक बहुत बड़ा हॉटस्पॉट था। मैं पाकिस्तान और भारत के नेताओं को जानता हूँ। मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह जानता हूं। वे एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। फिर भी वे परमाणु हथियारों की बात कर रहे हैं। यह पागलपन है। इसलिए मैंने कहा कि मैं आप लोगों के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं कर रहा हूं। वे व्यापार समझौता चाहते हैं, उन्हें इसकी ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि मैंने दोनों से कहा कि मैं आपके साथ कोई व्यापार समझौता नहीं कर रहा हूं। अगर आप युद्ध करने जा रहे हैं और यह एक ऐसा युद्ध है जो अन्य देशों में फैल जाता है, तो आपको परमाणु धूल मिलेगी। हम सभी को परमाणु धूल मिलेगी। जब वे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल शुरू करते हैं, तो वे हर जगह फैल जाते हैं और बहुत बुरी घटनाएं होती हैं। इसलिए शायद हम थोड़े स्वार्थी हो रहे हैं जब हम युद्धों को बचाना चाहते हैं। लेकिन हमने बहुत सारे युद्ध रोके हैं और ऐसा करना हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है।
कई मौकों पर श्रेय लेने में जुटे ट्रंप
10 मई के बाद से ट्रंप ने कई मौकों पर अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समाधान में मदद की और उन्होंने परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों से कहा कि अगर वे संघर्ष रोक दें तो अमेरिका उनके साथ व्यापार करेगा। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। दोनों देशों के बीच चार दिनों तक संघर्ष हुआ, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुआ।