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इटावा उसराहार कालका मंदिर में हुआ सुंदरकांड पाठ

अनिल गुप्ता ऊसराहार

सत्य का वोध जिसको हो गया वह किसी का विरोध नहीं करता। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में मनुष्य और देवताओं के साथ असुरों की भी वंदना की है। रामचरित मानस भी ठाकुर जी का वांग्मयी अवतार है। इसमें आठ जगहों पर निर्बाण (निर्वाण) की चर्चा है। निर्वाण केवल अवतार का होता है, जबकि मोक्ष मनुष्यों को मिलता है। भगवान परशुराम, राम, कृष्ण और बुद्घ ने निर्वाण प्राप्त किया था इसलिए वे पुन: धरती पर आ सकते हैं।
कस्बा के कालिका माता मंदिर पर सुंदर कांड पाठ और भंडारा का आयोजन किया गया जिसमें सुंदर कांड का गायन करते हुए आचार्य सुरेश तिवारी ने कहा कि रामकथा प्रयोग की कथा है धर्म क्या है इसका सबसे सरल अर्थ यह समझ लेना चाहिए कि राम जी ने लीला चरित्र में जो भी लीला की है वह सब धर्म है सुंदर कांड वह कथा है जहां भक्त हनुमान ने भगवान राम को भी अपना ऋणी बना लिया था पं जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि सुंदर कांड में सुरसा रुपी सत्य, सिंहिका रुपी रज और लंकिनी रुपी तम के साथ उचित व्यवहार करके भक्ति रुपी जानकी हनुमान जी रुपी भक्त ने प्राप्त कर लिया इससे पूर्व बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया कार्यक्रम के आयोजक पिंकल गुप्ता ने सभी का आभार प्रकट किया इस मौके पर संजीव गुप्ता, सुनील यादव अनुपम गुप्ता आदि लोग शामिल रहे ।