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हेल्थ

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद हैं बेहद महत्वपूर्ण

शहद का उपयोग सदियों से खाद्य पदार्थ के रूप में किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है और साथ ही स्वाद में भी लाजवाब होता है। शहद का हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

शहद से होने वाले लाभः

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पीये। ऐसा करने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। शहद में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही रक्त के बहाव को भी नियमित रखता है।

कीमोथैरेपी में शहद का असरः

अक्सर देखा गया है कि कीमो थेरेपी का इलाज चलते समय व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत अधिक मात्रा में कम होने लगती है। जो मरीज के शरीर के लिए गंभीर हो सकता है। ऐसे में शहद कीमो थेरेपी का सामना कर रहे व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीः

शायद हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। शहद हानीकारक सूक्ष्म जीव से लड़ता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। चोट या घाव पर अगर सीधे शहद को लगा दिया जाए तो यह एंटीसेप्टिक का काम करता है और बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचाता है।

गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो इस खबर को पढ़ते ही उड़ जाएंगे होश

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

 

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

अनार का जूस पीने से गठिया रोग से लड़ने में आपको भी मिलेगी मदद

सेहत के लिए फल वरदान हैं, लेकिन कभी-कभी यही फल नुकसानदाय‍क भी प्रतीत होते हैं। आपको जानकर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन एक बार इसे पढ़ने के बा आप भी जान जाएंगे इस फल के नुकसान को। अगर आपकी तासीर ठंडी है या फिर आप इंफ्लूएंजा, खांसी अथवा कब्ज से पीड़ित हैं तो आपको अनार का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आपको नुकसान हो सकता है।.

अनार का जूस पीने से रक्तचाप में सुधार होता है, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होता है, और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम हो जाता है. अनार का सेवन संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है.अनार के जूस के सेवन से दिल स्वस्थ रहता है. अनार का जूस स्वास्थ्यवर्धक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. तो य‍ह हानिकारक हो सकता है।

 इन सब के अलावा अनार खाने का एक नुकसान यह भी है कि इसे खाने के लिए मेहनत करनी होती है, जिसमें छिलके उतारकर अनाक के दाने अलग करना शामिल हैं।अनार के रस में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो गठिया से लड़ने में मदद करता है और मेमोरी में सुधार कर सकते हैं. अनार का रस याददाश्त बढ़ाने में मददगार हो सकता है.

गुलाब की पंखुड़ियों का यूज हर्बल चाय की तरह करने से होते हैं कई लाभ

गुलाब का उपयोग सदियों से हर्बल दवाओं के रूप में किया जाता है। ऐसे में लोग गुलाब के पौधे के अलग-अलग भागों का उपयोग हेल्थ बेनिफिट्स के लिए भी करते हैं।  सांस्कृतिक और औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

गुलाब की पंखुड़ियों का यूज हर्बल चाय बनाने के लिए भी की जाती है। जिसे पीने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। एक कप गुलाब की चाय चिंता को शांत करने और तनाव को कम करने में काफी मददगार है।  गुलाब की चाय आपको चिंता से लड़ने वाले एल-थेनाइन होते हैं जो आपको टेंशन फ्री रखने में मदद करते हैं।

प्राचीन समय में गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल पाचन क्रिया को सही करने के लिए किया जाता है। गुलाब की चाय से आपके पाचन में सुधार करने और पेट की परेशानियों को शांत करने में मददगार है। गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल चाय के रूप में करने से आपका पेट सही रहता है।

गुलाब के फूल का अर्क भी सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इतना ही नहीं शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले अस्थायी दर्द को कम करने में भी मददगार है।

ज्यादा चाय पीने के ये 4 साइड इफेक्ट नहीं जानते होंगे आप…

 चाय का शौक सभी उम्र के लोगों को होता है. मौसम कोई भी हो, चाय पीने वालों की तादाद हमेशा ज्यादा रहती है. इसे दुनिया का सबसे ज्यादा लोकप्रिय पेय पदार्थ माना जा सकता है.

अरबों लोगों के दिन की शुरुआत चाय के साथ होती है. सर्दियों में तो चाय पीने का ट्रेंड और भी ज्यादा बढ़ जाता है.  चाय से ज्यादा प्यार आपके लिए परेशानियां पैदा कर सकता है.

– चाय में कैफीन की अत्यधिक मात्रा होती है. कैफीन का ज्यादा सेवन करने से सिरदर्द, तनाव और एंजाइटी बढ़ सकती है. ज्यादा चाय पीने से घबराहट भी हो सकती है. यह कह सकते हैं कि इससे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है.

– अगर आप आयरन की कमी से जूझ रहे हैं . चाय में मौजूद तत्व आयरन अब्जॉर्प्शन को कम कर देते हैं और इस जरूरी पोषक तत्व की कमी हो सकती है. ऐसे लोगों को चाय से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए.

– कुछ लोगों को ज्यादा चाय पीने से नींद न आने की समस्या भी हो सकती है. चाय में मौजूद कैफीन आपकी स्लीप साइकल को प्रभावित कर सकता है. सोने से 6 घंटे पहले तक कैफीन का सेवन करने से नींद की क्वालिटी खराब हो सकती है.

– चाय का ज्यादा सेवन करना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. कैफीन का ज्यादा इनटेक प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है. कई बार इसकी वजह से गर्भपात तक की नौबत आ सकती है.

विटामिन–सी युक्त स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से होते हैं शरीर के फायदें

हमारी सेहत के लिए स्ट्रॉबेरी बेहद फायदेमंद होती है. अगर हम इसका सेवन करेंगे तो स्वास्थ्य को कई फायदे मिल सकते है. स्ट्रॉबेरी में कई पोषक तत्व पाए जाते है. स्ट्रॉबेरी में विटामिन से लेकर फोलिक एसिड , कैल्शियम और फास्फोरस जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं .

स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से स्किन खूबसूरत बनेगी. इसमें विटामिन सी, पोटैशियम, फॉलिक एसिड और डायट्री फाइबर पाया जाता है जो शरीर को सेहतमंद बनाने के साथ–साथ त्वचा की सुंदरता को भी बढ़ाता है.

स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से इम्युनिटी बूस्ट होती है. इसमें विटामिन–सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाता है और साथ ही ये हाई बीपी से पीड़ित लोगों के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन करने में भी सहायता करता है.

स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है. स्ट्रॉबेरी में विटामिन के अलावा कैल्शियम और मैग्नीशियम की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी मददगार होती है.

ड्रैगन फ्रूट ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने के साथ डायबिटीज के लिए है रामबाण

शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए फलों का सेवन बहुत जरूरी होता है. हेल्दी फिटनेस के लिए डेली रूटीन में फल खाने की सलाह देते हैं. क्या आप जानते हैं कि गुलाबी और चमकीले रंग का ड्रैगन फ्रूट भी हमारी हेल्थ के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है.

यह दो तरह का होता है- सफेद गूदे वाला और दूसरा लाल गूदे वाला. आपको बता दें कि ड्रैगन फ्रूट के फूल बहुत ही सुगंधित होत हैं और इन फूलों की एक खाशियत होती है कि ये रात को खिलते हैं और सुबह होने तक झड़ जाते हैं. आइए जानते हैं ड्रैगन फ्रूट से शरीर को मिलने वाले बेनेफिट्स के बारे में…

ड्रैगन फ्रूट प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. इसके साथ ही इसमें फ्लेवोनोइड, एस्कॉर्बिक एसिड और भरपूर फाइबर पाया जाता है. इसके ये सभी पोषक तत्व ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं और साथ ही बढ़े हुए शुगर लेवल को डाउन करते हैं. इसलिए अगर आप मधुमेह के मरीज हैं तो ड्रैगन फ्रूट खाना न भूलें.

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी होती है और कुछ मामलों में यह हार्ट डिजीज का भी एक बड़ा कारण बनती है. एक्सपर्ट मानते हैं कि डायबिटीज की वजह से हृदय रोग होने की एक बड़ी वजह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का बढ़ना भी है.

इंटरमिटेंट फास्टिंग संग वर्कआउट के लिए लें प्रोटीन व इन बातों का रखें ध्यान

 क्या आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में पता है? दरअसल, ये वजन घटाने के लिए रूटीन लाइफ में किया गया एक बजलाव है.

इसमें लोग दिन के कुछ घंटों के लिए फास्टिंग करते हैं, फिर उसी के हिसाब से अपने रूटीन को डिवाइड करके बाकी घंटों में खाते पीते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक रेशियो रखा जाता है.

अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. भले ही आप खाने के दौरान एक्सरसाइज करें या खाने के बाद करें, दोनों में सावधानी बरतना जरूरी है.  खाने के समय में ही एक्सरसाइज करना सेफ माना जाता है.

फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज करने से कमजोरी आ सकती है. उन्हें ये कोशिश करनी चाहिए कि 8 घंटे में ही एक्सरसाइज करें. बिना खाए शरीर में एनर्जी की कमी होती है. ऐसे में अगर आप एक्सरसाइज करेंगे, तो इससे लो बीपी की समस्या हो सकती है.

इंटरमिटेंट फास्टिंग में बॉडी को एनर्जी की जरूरत होती है. ऐसे में एनर्जी के लिए बॉडी को प्रोटीन युक्त चीजों की जरूरत होती है. दिनभर में अगर आप एक सीमित मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं. जैसे- दलिया या बाजरा आदि. गुड फैट, फाइबर भी डाइट में होना जरूरी है.

अगर आपको व्रत के दौरान कमजोरी महसूस हो तो एक्सरसाइज न करें. हर इंसान की बॉडी अलग होती है. कुछ लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज करना ठीक लगता है. वहीं कुछ लोग फास्टिंग के साथ एक्सरसाइज नहीं कर पाते.

एनीमिया की समस्या से निजात पाने के लिए सफेद चना डाइट में करें शामिल

शाकाहारियों के लिए चना प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। दाल का नाम आते ही चने का नाम अपने आप आ जाता है। चना और चना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य और सुंदरता में ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि कई बीमारियों के इलाज में भी मदद करता है।

 प्रोटीन हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। चना प्रोटीन से भरपूर होता है। सफेद चना खाने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। आज हम आपको सफेद चना खाने से शरीर को होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.

सफेद चना आयरन का अच्छा स्रोत है। इसके सेवन से एनीमिया की समस्या नहीं होती है। इसलिए डॉक्टर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बच्चों में खून की कमी होने पर चना खाने की सलाह देते हैं।

चना फाइबर का पावरहाउस है। यह भूख को नियंत्रित करता है और लंबे समय तक इसका सेवन करने के बाद भी आपका एनर्जी लेवल हाई बना रहता है, जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।

पीरियड्स से पहले पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना क्या हैं आम बात ?

 आपने अक्सर अपनी मम्मी को घर के काम करते समय कराहते देखा हेगा. काम के दौरान उनके मुंह से एक ही शब्द बार-बार निकलता है, और वो है- कमर में दर्द.

ये दिक्कत पुरुषों में उतनी नहीं देखने को मिलती है, जितना कि महिलाएं इसका आसानी से शिकार हो जाती हैं. हाई हील्स पहनने से भी होने लगता है. इसके अलावा रीढ़ की हड्डी प्रेशर बढ़ने से ब्लैडर से जुड़ी समस्याएं महिलाओं में कमर दर्द का कारण हो सकती हैं. आइए जानते हैं इसे बारे में विस्तार से…

1. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम-
कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेट में दर्द, सिरदर्द, मूड स्विंग्स आदि लक्षण नजर आने लगते हैं. ये स्थिति प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहलाता है. जिसके चलते कमर में भी दर्द होने लगता है.

2. बिगड़ी लाइफस्टाइल-
कमर दर्द का कारण काम में लंबे समय तक व्यस्त होना भी हो सकता है. लगातार बैठे रहने से आपको कमर दर्द की समस्या हो सकती है. दरअसल, जब आप लंबे समय तक बैठी रहती हैं.

3. एंडोमेट्रियोसिस-
एंडोमेट्रियोसिस एक स्त्री रोग संबंधी समस्या है. ये गर्भाशय के ऊतकों को गर्भ के बाहर बढ़ने का कारण बनती है. इस स्थिति में पीठ दर्द होता है, जो आमतौर पर पीरियड्स के दौरान बढ़ जाता है.