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विदेश

खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने वाले 4 आरोपियों को ईरान में आज मिली फांसी की सजा

रान में जासूसी के आरोप में  चार लोगों को फांसी पर लटका दिया गया। इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। ईरान के सुप्रीम कोर्ट ने इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने और लोगों का अपहरण करने के लिए इन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
 जिन कथित जासूसों को फांसी दी गई है, उनमें शाहीन इमानी मोहमदाबादी, हुसैन ओरदोखानजादा, मिलाद अशरफी और मनौचेहर शाहबंदी शामिल हैं। रिवोल्यूशनरी गार्ड (ईरानी सेना) ने जासूसी के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया गया था ।
रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इनके पास से हथियार और क्रिप्टोकरेंसी जब्त करने का दावा था, इन्हें मोसाद से हासिल हुआ था।
ईरान द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये लोगों को अगवा कर उनसे सरकारी जानकारी हासिल करते थे।  ईरान और इस्राइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। गुलाम अहमद

ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच दशकों पुराने कानून में होगा बड़ा बदलाव

ईरान में लम्बे समय से जारी  हिजाब के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है। पुलिस ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया है।  इसके बाद भी जनता की नाराजगी कम नहीं हो रही है।

आखिरकार लोगों के सामने सरकार झुकती नजर आ रही है। करीब दो महीने से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच ईरान सरकार ने हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं। इस कानून के तहत ही महिलाओं को अपना सिर ढंकना होता है। पुलिस कस्टडी में उसे काफी टॉर्चर किया गया था।

ने ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाजेरी के हवाले से बताया कि सरकार ने हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े दशकों पुराने कानून में बदलाव करने का फैसला लिया है। कहा कि संसद और न्यायपालिका दोनों इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं।

राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कानून में संशोधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने एक टीवी चैनल पर कहा कि देश की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत है। बता दें 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति ने ईरान में सबकुछ बदल दिया।

कोरोना के मामलों में अचानक आया उछाल, क्या चीन हैं इसकी मुख्य वजह

 चीन में कोविड-19 के मामले एक बार फिर काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के मामलों में तेजी की दर पहले से काफी ज्यादा है, चीन में 24 नवंबर 2022 को कोविड-19 के 32, 943 नए मामले दर्ज किए गए,  पुराने उच्चतम स्तर को पीछे छोड़ दिया.

बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और चोंगकिंग समेत कई शहरों में प्रतिबंध सख्त कर दिए गए हैं. बीजिंग के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अब राजधानी में उन लोगों को ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे पुरानी नेगेटिव पीसीआर रिपोर्ट दिखानी जरूरी है,  शहर के सभी स्कूलों में अब ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं.

कोरोना के मामलों में इस वक्त अचानक आए उछाल से यह बात सोचने लायक है कि हर खास अंतराल के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफे के चलते चीन सुर्खियों में क्यों है? जनरल फिजिशियन और संक्रामक बीमारियों की स्पेशलिस्ट डॉ. हेमलता अरोड़ा ने बताया कि कोरोना को लेकर चीन हमेशा सतर्क रहा है और नियमित रूप से कोरोना के मामलों की जांच कर रहा है. यही वजह है कि चीन में कोरोना के हर मामले को दर्ज किया जाता है.

Zero Covid Policy के खिलाफ लोगों के बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए चीनी सरकार ने अभी अभी लिया ये बड़ा फैसला

चीन में ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ लोगों के आक्रोश पर  कहा जा रहा है कि चीन के 70 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन की सरकार लोगों के विद्रोह से डर कर झुक गई है.

 बीजिंग में कोविड-19 टेस्टिंग बूथों को हटा दिया गया है, जिसके बाद लोगों ने खुशी जताई है.  शेनझेंग शहर में अब यात्रा के लिए कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी. इन फैसलों से स्पष्ट है कि चीन में जारी कोरोना प्रतिबंधों में तेजी से ढील दी जा रही है.

चीन में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. दैनिक मामले अब तक के उच्चतम स्तर के आसपास हैं.  आर्थिक मंदी और लोगों के गुस्से को देखते हुए चीनी सरकार कुछ शहरों में कोरोना टेस्ट और क्वारंटाइन नियमों को ढीला करने के लिए कदम उठा रही है.

चेंगदू और तियानजिन के बाद चीन के दक्षिणी शहर शेनझेंन ने घोषणा की है कि अब लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने या पार्कों में प्रवेश करने के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी. सुपरमार्केट जैसी जगहों पर प्रवेश के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट मांगना बंद कर दिया गया है.

चीन से आने वाले इलेक्ट्रिक पंखों और स्मार्ट मीटरों पर रोक लगाएगा भारत, ये हैं वजह

वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी करेगा ताकि आयात होने वाले इलेक्ट्रिक पंखों और स्मार्ट मीटरों की जांच की जा सकें, इसका खास मक़सद चीन से आने वाले उत्पादों की जांच करना होगा.

“हम बड़े पैमाने पर उत्पादन वाली चीज़ों जैसे स्मार्ट मीटर और सीलिंग पंखों के लिए क्यूसीओ (क्लालिटी कंट्रोल ऑर्डर) लाने पर विचार कर रहे हैं. इससे हमारे अपने उद्योग और उपभोक्ताओं को लाभ होगा.”

वित्तीय वर्ष 2022 में भारत में सीलिंग पंखों का आयात 132 फ़ीसदी बढ़कर लगभग 62.2 लाख डॉलर का हो गया, इनमें से 59.9 लाख डॉलर क़ीमत के पंखे चीन से आयात किए गए थे.

जिसके बाद खिलौनों का आयात बीते सालों में 70 फ़ीसदी गिर गया. जो आयात वित्तीय वर्ष 2019 में 37.1 करोड़ डॉलर था वो साल 2020 में11 करोड़ डॉलर हो गया. इसी अवधि में चीन से खिलौनों का आयात 80 प्रतिशत घट कर 5.9 करोड़ डॉलर तक गिर गया.

पाकिस्तान सहित ये 12 देश बने ‘विशेष चिंता वाले देश’, जहाँ ‘धार्मिक स्वतंत्रता’ की स्थिति बदहाल

मेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के  चीन, ईरान, रूस और पाकिस्तान सहित 12 देशों को ‘विशेष चिंता वाला देश’ बताया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इस लिस्ट में उत्तर कोरिया और म्यांमार भी शामिल हैं.

 ब्लिंकन पर इस बात का दबाव बनाया था कि धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन वाली इस लिस्ट में भारत को भी शामिल किया जाए.  मंत्री ब्लिंकन ने  एक बयान के जरिए यह लिस्ट जारी की. ब्लिंकन ने कहा कि ये सभी 12 देश धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन करते हैं. इसलिए इन्हें 1998 के ‘अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम’ के तहत ‘विशेष चिंता वाले देशों’ के रूप में नामित किया गया है.

पहले अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग जैसे संगठनों और भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद जैसे समूहों की विदेश मंत्री ब्लिंकन पर दबाव बनाने की मंशा थी ताकि इस लिस्ट में भारत को भी शामिल किया जाए.

इन 12 देशों के अलावा कुछ ऐसे भी देश हैं जिन्हें धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामले में ‘विशेष निगरानी सूची’ में रखा गया है. इन देशों में अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम शामिल हैं.

जानिए आखिर कौन हैं भारतीय मूल के गुरदीप बाथ जिन्हें बारबाडोस में किया जाएगा सम्मानित

भारतीय मूल के गुरदीप बाथ ने कोविड के दौरान कैरेबियाई देश बारबाडोस के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया।कोरोना काल की परिस्थितियों और समस्याओं को शब्दों में बताना आसान नहीं है।

भारतीय मूल के गुरदीप बाथ ने कोविड के दौरान कैरेबियाई देश बारबाडोस के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। जिसके लिए उन्हें बारबाडोस देश में सम्मानित किया जाएगा। गुरदीप बाथ सेंट किट्स और नेविस  के प्रतिनिधि के रूप में भी कार्यरत है।

उन्होंने फरवरी 2021 में भारत से बारबाडोस जाने वाली एक लाख वैक्सीन को समय पूर्वक इस देश में पहुंचाने का कार्य किया था। गुरदीप बाथ ने परिवहन और रूट को आसान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभूतपूर्व प्रयास से भारत ने ऐसे मुश्किल वक्त में कई देशों की मदद की है। पूणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित वैक्सीन के जरिए बारबाडोस में टीकाकरण की शुरूआत हुई।

गुरदीप बाथ के इस अमिट योगदान के लिए उन्हें बारबाडोस ने ‘द ऑनरेबल’ की उपाधि से सम्मानित किया है। साथ ही भारत के मानद कौंसल , डॉ फिलोमेना एन मोलिन हैरिस को भारतीय समुदाय के लिए चिकित्सा और सेवा में योगदान देने हेतु ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक भी दिया गया।

उत्तर कोरिया के तानाशाह की इस हरकत से अमेरिका सहित रूस की भी उडी नींद

उत्तर कोरिया के नेता और सनकी तानाशाह किम जोंग उन की सनक से दुनिया पूरी तरह वाकिफ है। परमाणु परीक्षण करने वाले किम जोंग के नये प्लान के बारे में जानकर अब अमेरिका और रूस के भी होश उड़ गए हैं।

उत्तर कोरिया के इस प्लान के बारे में जानकर अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी चिंता में पड़ गए हैं।किम जोंग उन उत्तर कोरिया को विश्व की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति बनाना चाहते हैं।

सबसे अच्छा अनुमान यह है कि उत्तर कोरिया के पास अपना कार्यक्रम शुरू करने के तीन दशक बाद अब 45 से 55 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त विखंडनीय सामग्री है। 1945 में हिरोशिमा को नष्ट करने वाले 15 किलोटन के बम के समान, इन आयुध की क्षमता लगभग 10 से 20 किलोटन के बीच होगी।  उत्तर कोरिया के पास दस गुना बड़े बम बनाने की क्षमता है।

उत्तर कोरिया की तकनीकी प्रगति बयानबाजी और उसके लापरवाह कृत्यों में मेल खाती है, जिसमें सभी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करते हुए जापान के ऊपर मिसाइलों का परीक्षण करना  राष्ट्र को हथियार नियंत्रण वार्ताओं और अंतर्राष्ट्रीय संवाद के दायरे में कैसे लाया जाए।

पाकिस्तान से अभी अभी आई बड़ी खबर, असद मजीद खान बने विदेश सचिव

पाकिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं पाकिस्तान ने राजनयिक असद मजीद खान को अपना नया विदेश सचिव नियुक्त किया है।  विदेश कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि मजीद खान वर्तमान में बेल्जियम, यूरोपीय संघ और लक्जमबर्ग में पाकिस्तान

के राजदूत के रूप में तैनात हैं। विदेश विभाग ने अलग से नियुक्ति की अधिसूचना जारी की।  सितंबर में सोहेल महमूद के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद खाली हो गया था और एक स्थायी विदेश सचिव नियुक्त करने के बजाय, वरिष्ठ राजनयिक जौहर सलीम को पद के औपचारिक रूप से भरे जाने तक विदेश सचिव के कार्यालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

 मजीद खान पीएम शहबाज की पसंद नहीं थे, उनका नाम देश में चल रहे राजनीतिक विवाद में कई बार आया।  पाकिस्तान में कड़वे राजनीतिक झगड़े के मद्देनजर, मजीद खान का नाम कई बार उभरा, और कई बार नकारात्मक रूप से, उनकी भूमिका के बारे में बताया गया।

उत्तरी अटलांटिक और आर्कटिक में युद्ध का माहौल, ब्रिटेन ने अटलांटिक में भांपा खतरा

रू और यूक्रेन के बीच जमीन से शुरू हुई लड़ाई अब बर्फ से होते हुए समुद्र तक समुद्र तक आ पहुंची है.अटलांटिक में यूरोप और रूस आमने-सामने हैं. रूस ने यहां कई घातक पनडुब्बियों को तैनात कर रखा.

यूरोप से यूक्रेन को मिल रही मदद के खिलाफ अगर रूस ने एक्शन लिया तो अटलांटिक का ठंडा पानी बारूदी धमाकों से जल उठेगा. ब्रिटेन को भी इस खतरे का एहसास है, इसलिए एंटी सबमरीन  बनाने का मिशन शुरू हो चुका है

रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने सेना को अटलांटिक महासागर में तैनात कर दिया है.  पनडुब्बी की डिजाइन और टेक्नोलॉजी में रूस को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है. रूस के पास दुनिया की सबसे ताकतवर परमाणु पनडुब्बी है.

स्टेल्थ होने की वजह से सबमरीन सोनार को चकमा दे सकती है. ब्रिटेन को इस खतरे का पूरा अंदाजा है,  पीएम ऋषि सुनक ने रूस की चुनौती से निपटने के लिए नए मिशन की शुरुआत कर दी है. ब्रिटेन ने एंटी सबमरीन पर 4 बिलियन पाउंड से ज्यादा खर्च करने को मंजूरी दे दी है.