Friday , April 26 2024

सत्य के समान न कोई पूजा न तप

पंकज शाक्य

मैनपुरी- समीप वर्ती ग्राम भाऊपुर मैं सन्त गुलाबदास के आवास पर हुये मानवतावादी कबीर सत्संग का आयोजन हुआ जिसमें कबीर आश्रम के महंत अमर साहिब ने कहा कि बच्चा जब जन्म लेता है तब समाज ढोल बजाता है खुशी मनाता हैं लेकिन बच्चा रोता है समाज खुशी मनाता हैं ।मनुष्य का ही बच्चा रोते-रोते जन्म लेता है शिकायत करते करते जीवन व्यतीत करता है एवं पश्चाताप के टप टप आंसू बहाता हुआ चला जाता है।
महन्त ने बताया कि मनुष्य वही हैं जो मनुष्य के लिए मरे वह पशु प्रवर्ति हैं जो आप आप की चरे।जीवन तो निस्वार्थ हो निश्चल हो निष्कपट हो निर्दिन्द हो निर्विकार हो ऐसी करनी कर चलो हम हंसे जग रोए सारे शास्त्रों का सार यही है हम मानव हैं सच्ची पूजा सच्चा तीर्थ व्रत है कबीर साहेब पवित्र कर्म को ही पूजा मानते थे कबीर कमाई आपनी निष्फल कबहूँ न जाए बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाए ,उन्होंने बताया कि सत्य के समान न कोई पूजा ना कोई तप हो सकता ।महंत ने बताया कि सुख तो सभी चाहते हैं लेकिन दुख कोई छोड़ना नहीं चाहता है ,महन्त बताते हैं कि सुर नर मुनि देवता कोई भी हो सभी को अपने शरीर से किए हुए कर्मों का फल भोगना पढ़ा ,महापुरुषों के आदर्शो पर चलें ऐसे नेक आदमी बन जाओ तो देश में भ्रष्टाचार लूट डकैती घूसखोरी सब बंद हो जाएगी लेकिन आदमी आदमी नहीं बन सकता बताया कि दूसरे के द्वारा किया गया व्यवहार हमें ना पसन्द आए तो हम वह दूसरे के साथ ना करें ।सबसे प्रेम करें।सत्संग अवसर पर गिरीश दास ने आये दीन दयाल दया कीनो ,रामोतार सिंह ने मेरे घर आये मेहमान गुलाबी रंग बरसेगा तथा चन्द्रपाल शाक्य ने जिन्दगी के जगाने के ढंग को प्यार सद्गुरु से करना पड़ेगा व सियाराम दास, चेतनदास सुभाष दास डॉ सुरेश राजपूत व अन्य सन्त भक्त मौजूद रहे।