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भाकियू किसान की हुई जसराना में बैठक

नरेंद्र वर्मा

जसराना
जसराना में भारतीय किसान यूनियन किसान के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने जसराना में बैठक का आयोजन कर बाईक रैली को लेकर रणनीति तैयार की। इस दौरान पदाधिकारी कोतवाल जसराना से मिलने पहुंचे जहां किसानों की समस्या के संबंध में चर्चा की गई।
भारतीय किसान यूनियन (किसान) जिला फिरोजाबाद के जिला अध्यक्ष कर्मवीर सिंह यादव, जिला उपाध्यक्ष सुनील यादव बॉबी, प्रदेश सचिव रजनीश जैन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजेंद्र सिंह टाइगर, युवा जिला अध्यक्ष बिरजू यादव, सत्येंद्र वर्मा आदि कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताअबों ने जसराना में एक बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि जसराना से एक बाइक रैली निकालकर किसानों की समस्यायों को लेकर जिलाधिकारी फिरोजाबाद को ज्ञापन सौंपा जाएगा। कहा तहसील स्तर पर ज्ञापन देने के बाद भी समस्यायों का समाधान नहीं हो पा रहा है। अभी तक एका की खारजा नहर के पानी से किसानों की फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिल सका है। वहीं प्रशासन अभी तक मुआवजे की घोषणा तक नहीं कर सका है। उसके बाद सभी किसान नेताओं ने थाना जसराना में जाकर कोतवाल फतेहे बहादुर सिंह भदौरिया से मुलाकात करके किसान भाइयों की समस्याओं को निवारण करवाया।

एका में पूर्व मुख्यमंत्री को दी श्रद्धांजलि

नरेंद्र वर्मा

एका: पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए श्री मुंशी लाल इंटर कॉलेज मोर्चा में शोक सभा का आयोजन किया गया इस दौरान वहां उपस्थित सभी लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखकर उनकी दिवंगत आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की। कालेज के प्रबंधक एवं पूर्व प्रत्याशी वरिष्ठ भाजपा नेता प्रोफेसर के पी सिंह ने कहा कि देश और धर्म के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने वाले राष्ट्रवादी नेता बाबूजी ने अपना पूरा जीवन भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्पित कर दिया। ऐसा लगता है स्वर्ग में भी अच्छे लोगों की ज्यादा जरूरत होती है। हम सभी लोग को ऐसे महापुरुष के पदचिन्हों पर चलकर देश धर्म को आगे बढ़ाना चाहिए। बाबूजी का निधन राष्ट्र समाज एवं भाजपा के लिए अपूर्णनीय क्षति है। आज हम सब ने सिद्धांतवादी, ईमानदार एवं हिंदूवादी नेता को खो दिया जिसकी भरपाई शायद ही हो पाएगी। शोक सभा में उपस्थित लोगों में भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉक्टर एसबीर सिंह अरविंद कुमार बेनीराम ऋषि कुमार धीरेंद्र कुमार प्रेम बहादुर विजेंद्र सिंह शिव सिंह जितेंद्र कुमार कृष्ण गोपाल कोमल सिंह दूरबीन सिंह बालक राम रविकांत राजकुमार मुकेश कुमार भवरपाल पृथ्वीराज सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे

पारसनाथ दिंगबर जैन मंदिर मे इटावा गौरव आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर महाराज जी ससंघ के सानिध्य मे प्रातः काल श्री अभिषेक व आचार्य श्री मुखविंद शांति धारा की गई

इटावा-श्री पारसनाथ दिंगबर जैन मंदिर मे इटावा गौरव आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर महाराज जी ससंघ के सानिध्य मे प्रातः काल श्री अभिषेक व आचार्य श्री मुखविंद शांति धारा की गई। इसके उपरांत रक्षाबंधन महापर्व की पूजन और विधान हुआ
जिसमें 700 अर्ध चढाये गये जैन धर्म के 11 वें तीर्थकर श्रेयांस नाथ भगवान का लड्डू बड़ी धूमधाम से चढाया गया रइसके उपरांत आचार्य श्री के पिछिका मे सोने व चांदी आदि रखिया जैन समाज के लोगों ने बधी गई।संगीत के कार्यक्रम संपन्न किये गये आचार्य श्री ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व जैन समाज के लिये बड़ा महत्व पूर्व माना गया

सायंकाल श्री जी महाआरती और गुरूभक्ति की गई श्रद्धालुओं ने बढ चढकर हिस्सा लिया चातुर्मास कमेटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे

नहीं रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में निधन हो गया। क्रिटिकल केयर मेडिसिन (सीसीएम) के आईसीयू में भर्ती कल्याण सिंह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। वह बीती चार जुलाई से अस्पताल में भर्ती थे।

डॉक्टरों ने बताया क सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हुआ है।  पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत नाजुक बनी हुई थी। शनिवार को उनकी हालत फिर से बिगड़ गई। उनका डायलिसिस किया गया। डॉक्टर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की भी कोशिश की। लेकिन उन्हे नही बचाया जा सका।

कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था | कल्याण सिंह के 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली के विधानसभा सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, और साथ ही साथ ये उत्तर प्रदेश में लोक सभा सांसद और राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

पहली बार कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वर्ष 1991 में बने और दूसरी बार यह वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये ६ दिसम्बर १९९२ को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।

दिसम्बर १९९९ में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी २००४ में पुनः भाजपा से जुड़े। २००४ के आम चुनावों में उन्होंने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। २००९ में उन्होंने पुनः भाजपा को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ही अपना गोरखपुर दौरा रद्द करके उनका हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल ने बताया कि उन्हें क्रिटिकल केयर आईसीयू में रखा गया था। संस्थान के क्रिटिकल केयर, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी सहित विभिन्न विभागों के प्रोफेसरों की टीम उनके इलाज में लगी हुई थी। वह कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

बता दें कि बीते दो दिन से पूर्व मुख्यमंत्री की हालत ज्यादा गंभीर हो गई थी। ऐसे में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देखने पहुंचे थे। उनकी हालत में किसी तरह का सुधार नहीं होने पर शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर एसजीपीजीआई गए थे।

रक्षाबंधन पर उत्तर प्रदेश की महिलाओं-बेटियों के लिए मुख्यमंत्री योगी की सौगात

उत्तर प्रदेश की महिलाओं-बेटियों को स्वावलंबी और सुरक्षा के लिए उन्हें जागरूक करने के लिए मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ हो गया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई लोग मौजूद रहे।

 

कार्यक्रम के दौरान मिशन शक्ति के पहले व दूसरे चरण में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 47 जिलों की 75 महिला अधिकारियों व कर्मचारियों को मिशन शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 29.68 लाख महिलाओं के खातों 451 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। वहीं, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 1.55 लाख बेटियों के खातों में 30.12 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। इसके अलावा 59 हजार ग्राम पंचायत भवनों में मिशन शक्ति कक्ष की शुरुआत भी की गई।

निदेशक महिला कल्याण मनोज राय ने बताया कि मिशन शक्ति के तीसरे चरण में महिलाओं को रोजगार के मुख्यधारा से जोड़ने पर फोकस किया जाएगा। इसके अतिरिक्त महिला बीट पुलिस अधिकारी की तैनाती के साथ ही 84.79 करोड़ रुपये की लागत से 1286 थानों में पिंक टॉयलेट का निर्माण किया जाएगा। महिला बटालियनों के लिए 2,982 पदों पर विशेष भर्ती की जाएगी। सभी पुलिस लाइन में बालवाड़ी क्रेच की स्थापना भी की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि, 76 गांव बाढ़ हुए प्रभावित

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से 76 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार तक बाढ़ से 43412 लोग प्रभावित हुए हैं।  कुल प्रभावित क्षेत्रफल 4280 हेक्टेयर है।

 

सदर तहसील के 18, सहजनवां के नौ चौरीचौरा का एक, कैंपियरगंज के 12, गोला के 29, बासगांव के दो और खजनी तहसील के पांच गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रशासन ने आवागमन के लिए प्रभावित गांवों में कुल 107 नावों को लगाया है।

16 मोटरबोट की मदद से एनडीआरएफ के जवान लगातार यहां निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन की तरफ से राहत खाद्य किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सभी 86 बाढ़ चौकियां क्रियाशील हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों के उपचार के लिए आठ टीम गठित की गई है। लोगों के बीच क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। मैदानी इलाके में बारिश थमने के बाद भी रोहिन को छोड़ जिले की बाकी सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।

राप्ती शुक्रवार को खतरे के निशान से 77 सेमी ऊपर बह रही थी। रोहिन का जलस्तर नीचे आया है फिर भी वह खतरे के निशान 41 सेमी ऊपर बह रही है। घाघरा नदी शुक्रवार शाम को एक बार फिर खतरे का निशान पार कर गई।

जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने याचिका दायर कर बकाया वेतन जैसे मुद्दों पर जताई चिंता

ग्राउंडेड एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने  नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल एनसीएलएटी में याचिका दायर कर कार्लरॉक-जालान के रिजॉल्यूशन प्लान की स्वीकृति खारिज करने की मांग की है. इन कर्मचारियों ने याचिका में बकाया वेतन जैसे मुद्दों पर चिंता जताई है.

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल की मुंबई बेंच ने 22 जून को कार्लरॉक-जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को स्वीकृति दी थी. इसके साथ ही एनसीएलटी ने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को जेट एयरवेज के लिए स्लॉच आवंटित करने के लिए 90 दिनों की अवधि तय की थी.

गौरतलब है कि भारी घाटे और कर्ज के कारण जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी. उस समय कंपनी के प्रमोटर नरेश गोयल को 500 करोड़ रुपये की जरूरत थी, लेकिन वे इसे जुटा नहीं पाए. हालत यह हो गई कि कर्मचारियों की सैलरी और अन्य खर्च भी नहीं निकल पा रहे थे. जेट एयरवेज बंद होने के बाद इसके करीब 17 हजार कर्मचारी सड़क पर आ गए थे.

इसके बाद जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने नरेश गोयल को कंपनी के बोर्ड से हटा दिया था. एयरलाइन के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग शुरू हुई थी. कई दौर की बिडिंग के बाद कार्लरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान को सफल बिडर चुना गया था. इससे जेट एयरवेज के दोबारा शुरू होने की संभावना बनी है.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान ने दिखाया अपना असली रंग

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान अब अपने असली रंग में आता दिख रहा है. अफगानिस्तान से हथियारों के जखीरे को अब धीरे-धीरे पाकिस्तान पहुंचाया जा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक हथियारों से भरे ट्रक और भारी हथियार अफगानिस्तान आईएसआई से पाकिस्तान आईएसआई की ओर जाते देखे गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक 16 अगस्त के बाद से सैकड़ों की संख्या में हथियारों से भरे ट्रक अफगानिस्तान पाकिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी चेक पोस्ट को क्रॉस कर पाकिस्तान की ओर गए हैं.

माना जा रहा है कि तालिबान का अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा हो जाने के बाद अब आईएसआईका मिशन अफगानिस्तान पूरा हो चुका है. यही वजह है कि पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए जो हथियार उपलब्ध करवाए थे. वे अब वापस पाकिस्तान पहुंचाए जा रहे हैं.

भारतीय खुफिया एजेंसियो ने पहले भी इस बात की आशंका जताई थी कि तालिबान को पाकिस्तान की आईएसआई की ओर से पूरी मदद मिल रही है. आईएसआईउन तालिबानियों को अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले के लिए तैयार कर रही थी. यही नहीं, पाकिस्तान से जैश और लश्कर के 8 हजार से भी ज्यादा आतंकियों की मूवमेंट अफगानिस्तान की तरफ जाते देखी गई थी. उन्होंने तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले किए और अनेक इलाकों पर कब्जा कर लिया.

तालिबान ने जिस तरीके से बेहद कम समय में काबुल तक पहुंच बनाई. उसे लेकर दुनिया हैरान है. जाहिर है पाकिस्तान की मदद के बिना तालिबान के लिए अफगानिस्तान पर कब्जा आसान नहीं था. देखा जाए तो तालिबान के खिलाफ लड़ाई में कई जगहों पर अफगानी सुरक्षा बलों ने बिना लड़े ही तालिबानियों के सामने सरेंडर कर दिया और अपने हथियारों को तालिबान को दे दिया.

दुनिया भर के सुरक्षा जानकार इस बात को लेकर परेशान हैं कि मेड इन अमेरिका के ये हथियार कहीं दुनिया के लिए खतरा न बन जाये. सबसे ज्यादा चिंता इस बात को भी लेकर है कि कहीं आईएसआई इन हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर में पाकिस्तान परस्त आतंकियों तक मुहैया न करा दे. पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए कुछ आतंकियों के पास से अमेरिकन मेड हथियार बरामद हो चुके हैं.

सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी इस बात की आशंका जाहिर की थी कि ये हथियार अफगानिस्तान से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाए जा रहे हैं. ऐसे में अब हजारों की संख्या में अमेरिकन असॉल्ट राइफल ,ग्रेनेड और कई सर्विलांस सिस्टम तालिबान के हाथ लग चुके हैं. जिनके भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां पहले से ज्यादा अलर्ट हो गई हैं और लगातार पाकिस्तान के आतंकी इरादों पर नजर बनाए हुए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक बार फिर किया ये…

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया। बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में इतिहास का अब तक का सबसे मुश्किल भरा निकासी अभियान चलाया जा रहा है।  बाइडन ने चार दिन में दूसरी बार देश को संबोधित किया है।

इसके साथ ही उन्होंने तालिबान को चेताते हुए कहा कि हम अमेरिकी सैनिकों पर तालिबान का हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों के निकलने तक सेना वहां रहेगी।

बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। आज (शुक्रवार) भी 5 हजार लोगों को निकाला गया है। अमेरिकियों व अन्य देशों के नागरिकों के अलावा अफगानी लोगों को भी यहां से निकाला जा रहा है। काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना का पूरा नियंत्रण है।

दुनिया के सामने सबसे बड़ा संकट  
उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अब तक 18 हजार लोगों को निकाला गया है। 14 अगस्त के बाद से 13 हजार लोगों को काबुल से बाहर निकाला गया है। अमेरिका में अभी छह हजार से अधिक सेना तैनात है। लोगों को निकालने का काम लगातार जारी है। ये इतिहास का अब तक का सबसे मुश्किल भरा निकासी अभियान है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को बाहर निकालन का काम खतरे से भरा है, इसमें फौज को भी खतरा है। इसे मुश्किल हालात में अंजाम दिया जा रहा है। मैं भरोसे के साथ नहीं कह सकता कि इस आखिरी नतिजा क्या निकलेगा या अंत में क्या होगा।

काबुल एयरपोर्ट पर एक मां द्वारा अपने बच्चे को अमेरिकी सैनिकों को सौंपने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उस बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया गया है और दोनों ही सुरक्षित हैं।  बाइडन ने कहा कि हमने काबुल एयरपोर्ट पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है और यहां से सैन्य विमानों के अलावा नागरिक चार्टेड विमान भी उड़ान भर रहे हैं और लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

काबुल एयरपोर्ट के नजदीक से किडनैप किये गये अधिकतर लोग भारतीय

अफगानिस्तान से भारत के लिए बहुत बुरी ख़बर है। अल-इत्तेहा रूज़ की एक रिपोर्ट मुताबिक़ करीब 150 लोगों का अपहरण कर लिया गया है। इसमें से अधिकतर लोग भारतीय बताए जा रहे हैं। इन लोगों को काबुल एयरपोर्ट के नजदीक से किडनैप किया गया है। अल-इत्तेहा ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अपहरणकर्ता तालिबान से जुड़े हुए हैं और वह 8 मिनीवैन में लोगों को तर्खिल की ओर ले गए हैं।

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने लोगों को दूसरे गेट से हवाई अड्डे तक पहुंचाने की बात कही थी लेकिन वे लोगों को कहां लेकर गए हैं, इसे लेकर चीज़ें अभी तक साफ़ नहीं है। तालिबान के प्रवक्ता अहमदुल्ला वासिक ने 150 से अधिक लोगों के अपहरण के आरोपों से इनकार किया है। अल-इत्तेहा की इस रिपोर्ट पर अब तक भारत सरकार ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा होने से पहले ही हालात को देखकर भारत सरकार वहां से भारतीयों को निकालने में लगी हुई है। लेकिन अब भी अफगानिस्तान में कई भारतीय फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है।