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विदेश

पाकिस्तान में नहीं सुधर रहे हालात, ट्रक में विस्फोट के कारण 11 लोगों ने मौके पर गवाई जान

पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में  हमलावरों ने एक ट्रक को निशाना बनाकर हथगोला फेंका, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत गई और कई अन्य घायल हो गये. पुलिस ने बताया कि ट्रक पर महिलाओं और बच्चे सहित करीब 20 लोग सवार थे और वे शादी समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे.

एक रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रक पर हथगोला फेंका, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ट्रक में भीतर विस्फोट हुआ. कराची पुलिस प्रमुख इमरान याकूब मिन्हास ने हमले की निंदा करते हुए बताया, ”11 लोग विस्फोट में मारे जा चुके हैं जो कि हथगोला हमले का परिणाम था.”

आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी राजा उमर खत्ताब ने बताया कि यह आतंकवादी हमला प्रतीत होता है जो शहर में लोगों के बीच भय और आतंक फैलाने के लिए किया गया.

हैती में 7.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने मचाई दहशत, 304 लोगों की मौत व 1800 घायल

दक्षिण-पश्चिम हैती में 7.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने से इमारतें भरभरा कर गिर गई और कम से कम 304 लोगों की मौत हो गई. कम से कम 1800 लोग घायल हो गए हैं. भूकंप के कारण सैकड़ों घर ढह गए हैं.

भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट औ प्रिंस से करीब 125 किलोमीटर की दूरी था. अगले हफ्ते की शुरुआत में संकट और भी बढ़ सकता है क्योंकि तूफान ग्रेस सोमवार या मंगलवार तक हैती पहुंच सकता है. भूकंप के बाद दिनभर और रात तक झटके महसूस किए जाते रहे.

प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने कहा कि ऐसे स्थानों पर मदद भिजवा रहे हैं जहां पर शहर तबाह हो चुके हैं और अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. हैती की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के निदेशक जैरी चांडलर की ओर से बताया गया कि मृतक संख्या 304 है और सबसे ज्यादा लोग देश के दक्षिण में हताहत हुए हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूएसऐड प्रशासक समांथा पॉवर को हैती को अमेरिकी मदद देने के लिए समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है.

भूकंप के जोरदार झटकों से पाकिस्तान में मची दहशत, रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई तीव्रता

पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस से पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार पाकिस्तान में  भूकंप के झटकों को महसूस किया गया.

बताया जा रहा है कि भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 दर्ज की गई. वहीं अभी तक इस भूकंप के कारण किसी तरह के जानमान के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है. ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है. कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है.

भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम.

इसस पहले भी इसी साल पाकिस्तान में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसमें खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब औऱ इस्लामाबाद शामिल थे. यहां 6.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

अफगानिस्तान में रहने वाले हज़ारों हिंदुस्तानियों के लिए तालिबान ने किया ये बड़ा एलान, सुनकर लोग हुए हैरान

तालिबान के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों के लिए बड़ा बयान दिया है. तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों को उनसे कोई खतरा नहीं है.

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा, “हम भारतीय राजनयिकों और दूतावास को आश्वास्त करना चाहते हैं कि हमारी तरफ से उन्हें खतरा नहीं है. हम दूतावासों को खतरा नहीं बनाएंगे. ये बात हमने अपने बयान में एक नहीं बल्कि कई बार कही है. ये हमारा वादा है जो मीडिया में भी है.”

तालिबान के प्रवक्ता से पूछा कि वह भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसपर प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

ऐसे में जब अमेरिका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को वापस बुलाने वाला है तालिबान ने देश के दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.

जानिए आखिर कौन हैं वो महिला जो अफगानिस्तान में अकेले ही तालिबान को दे रही कड़ी टक्कर

अफगानिस्तान में तालिबान ने ऐसी दहशत फैला दी है कि लोग खौफजदा हैं और इंसानियत लगातार शर्मसार हो रही है. हिंसक कार्रवाई कर रहा तालिबान अफगानिस्तान के कई इलाकों पर अपना कब्जा जमा चुका है.  एक महिला ने तालिबान को सीधी टक्कर दी है. उसने अपने दम पर तालिबानियों के मन में भी दहशत पैदा कर दी है.

अफगानिस्तान की सलीमा मजारी चारकिंत ज़िले की महिला गर्वनर हैं, जिनसे लोहा लेना शायद ही तालिबान के लिए आसान हो। वह किस तरह अपनी फौज को मजबूत कर रही हैं, इसकी बानगी लगातार देखने को मिल रही है।

पुरुष प्रधान अफगानिस्तान के एक जिले की महिला गवर्नर माजरी तालिबान से लड़ने के लिए मर्दों की फौज जुटाने निकली हैं। पिकअप की फ्रंट सीट पर खुद सलीमा माजरी मजबूती से बैठी रहती हैं। वह उत्तरी अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों से गुजरती हैं और अपनी फौज में स्थानीय लोगों को शामिल करती रहती हैं।

अब सलीमा लंबे समय से तालिबान के खिलाड़ लड़ रही हैं लेकिन उनकी असल जंग अब शुरु हुई है. जब से अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का जाना शुरु हुआ है, सलीमा को इस बात का अहसास है कि तालिबान फिर मजबूत हो रहा है. ऐसे में उन्होंने घुटने टेकने के बजाय लड़ने का फैसला कर लिया है.

3,000 से अधिक सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा अमेरिका, तालिबान का खेल जल्द होगा खत्म

अफगानिस्तान में तालिबान  हर दिन नए शहरों पर कब्जा कर अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है।  तालिबान की मजबूत होती पकड़ को देखते हुए अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजने का फैसला लिया है।

अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए अमेरिका राजनयिकों और विशेष वीजा आवेदकों (एसआईवी) को निकालने में मदद के लिए 3,000 से अधिक सैनिकों को अफगानिस्तान भेज रहा है।  ये अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों की वापसी में मदद करेंगे और उन्हें विमान सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराएंगे।

इसके अलावा, करीब 1000 अन्य अमेरिकी सुरक्षाकर्मियों को कतर भेजा जाएगा ताकि उन अफगानों के प्रबंधन में मदद मिल सके जिन्हें अफगानिस्तान से निकाला जा रहा है और विशेष वीजा पर अमेरिका में स्थानांतरित किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर अफगानिस्तान भेजे जाने के लिए अमेरिकी बेस से कुवैत में तैनात होने के लिए 35000 सैनिक स्टैंडबाय पर रहेंगे।

बाइडन प्रशासन ने कहा कि अफगान राष्ट्रीय बलों के पास तालिबान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की क्षमता और हथियार है। अमेरिका ने दो दशकों तक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सेना को प्रशिक्षण दिया।

अफगानिस्‍ताान में तेज़ी से बढ़ रहा तालिबान का आतंक, गजनी शहर पर कब्जे के बाद काबुल पर मंडराया खतरा

अफगानिस्तान में तालिबान दिनोंदिन तालिबान अपनी ताकत से देश के कई प्रांतों को कब्जे में ले चुका। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अब बड़ी कार्रवाई कर कंधार जेल को तोड़ दिया है और राजनैतिक कैदियों को आजाद कर दिया है।

तालिबान ने अफगानिस्तान के मुख्य शहर गजनी पर कब्जा जमा लिया है। यह शहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और सत्ता से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है।  गजनी दसवीं राजधानी है, जिसे तालिबान ने इस सप्ताह अपने कब्जे में लिया है। इससे अफगानिस्तान में लगातार राजनीतिक हालात खराब हो रहे हैं।

इस अधिकारी ने रायटर्स से हुई बातचीत के दौरान इसका खुलासा किया है। हालांकि एजेंसी ने इस अधिकारी की पहचान को उजागर नहीं किया है।

इस अधिकारी का कहना है कि ये आकलन तालिबान के ताजा हमलों की तीव्रता और उसके तेजी से आगे बढ़ने के आधार पर लगाया गया है। हालांकि उन्‍होंने ये भी माना है कि ये आंकलन अंतिम नहीं है।

इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। तालिबान पिछले महीने भी इस जेल पर हमला कर चुका था।  उस आंकड़े में से 180 तालिबान आतंकवादी थे, जिनमें 15 हाई-प्रोफाइल तालिबान कैदी शामिल थे, जिन्हें अफगान सरकार ने मौत की सजा सुनाई थी।

बता दें कि तालिबान की ओर से देश में बढ़ती हिंसा के कारण स्थिति बुरी तरह बिगड़ रही है। तालिबानी आतंकवादी समूह अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद लोगों को लूट रहा है और नागरिकों को मार रहा है।

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान ने आनन फानन में सुधारी ये गलती, एक हफ्ते के भीतर बनाया…

पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की बात करें तो ऐसा लग रहा है फिलहाल पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आ गई है. भारत और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान ने आनन फानन में अपनी गलती सुधार ली है.  मंदिर में अब चमचमाती नई मूर्ति लगा दी गई है.

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाए जाने को लेकर इमरान सरकार पर भारी दबाव बनाया गया. जिसका नतीजा ये हुआ कि एक हफ्ते के अंदर मंदिर को दोबारा तैयार करके हिंदू समुदाय को सौंप दिया गया.

उन्होंने कहा कि इलाके के हिंदू समुदाय ने पुलिस को संभावित हमले की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. असामाजिक तत्वों ने मंदिर में प्रवेश किया और ना केवल तोड़फोड़ की, बल्कि सोने और अन्य कीमती सामानों को भी लूट लिया और फिर आग लगा दी.

 

टोक्यो ओलिंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन से पकिस्तान को लगी मिर्ची, PM इमरान ने बुलाई बैठक

बेहद विपरिति हालातों में आखिरकार ओलिंपिक का समापन हुआ। खाली स्टेडियम में बिना फैंस के बीच ऐथलीट पसीना बहाते रहे। अपने देश के लिए मेडल लाते रहे। भारत के लिए खेलों का यह महाकुंभ बेहद खास रहा।

दरअसल क्रिकेट से राजनीति में आए प्रधानमंत्री इमरान खान अब खेलों पर ध्यान देना चाहते हैं. अभी उनके कार्यकाल में दो साल का समय बाकी है. ऐसे में वह चाहते हैं कि क्रिकेट के अलावा भी अन्य खेलों में पाकिस्तान का प्रदर्शन बेहतर हो.

पाकिस्तान को ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं मिला है जबकि उसे 10 एथलीट टोक्यो गए थे. पाकिस्तान के खिलाड़ियों में सबसे अच्छा प्रदर्शन जैवलिन थ्रो में अरशद नदीम वेटलिफ्टर तलहा तालिब ने किया.

हमारे खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया। सात मेडल के साथ यह पदकों के लिहाज से हिंदुस्तान का बेस्ट परफॉर्मेंस भी था। भारत 48वें पायदान पर रहा।

पाकिस्तान के मंत्री असद उमर ने खुद एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि इमरान खान ने खेलों पर ध्यान देने के लिए कहा है. मंत्री ने बातचीत में यह भी माना कि उनकी सरकार पिछले तीन साल के कार्यकाल में खेलों पर उतना ध्यान नहीं दे पाई जितना उन्हें देना चाहिए था. इमरान खान इस स्थिति को बदलना चाहते हैं देश में आधुनिक स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट बनाए जाने की योजना है.

पेंटागन ने अफगानिस्तान में भारत के काम की करी सराहना व भारत की भूमिका को बताया रचनात्मक

अफगानिस्तान में तालिबान के पांव मजबूत हो रहे हैं और इस मजबूती को खाद पानी देने का काम पाकिस्तान करता रहा है. अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद जिस तेजी से तालिबान का कब्जा बढ़ा है उसने अमेरिका की मुश्किल भी बढ़ा दी.

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बात की और चेताया कि पाकिस्तान सीमा के पास तालिबान के आतंकियों के पनाहगाहों को खत्म करने के लिए कदम उठाए.

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा, ”भारत ने अतीत में प्रशिक्षण और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार के मामले में अफगानिस्तान में रचनात्मक भूमिका निभाई है.” अफगानिस्तान पर भारत और अमेरिका के सहयोग के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ” अफगानिस्तान में स्थिरता तथा सुशासन के लिए इस तरह के काम, इस तरह के प्रयासों का हमेशाा स्वागत किया जाता है.”