Sunday , May 5 2024

विदेश

SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ताजिकिस्तान रवाना हुए राजनाथ सिंह, रक्षा सहयोग पर होगी चर्चा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार दोपहर ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे के लिए रवाना होंगे. दुशांबे में राजनाथ सिंह शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे. आपको बता दें कि भारत, चीन और पाकिस्तान भी एससीओ के सदस्य देशों में शामिल है.

वार्षिक बैठक में, एससीओ सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जाती है और विचार-विमर्श के बाद एक विज्ञप्ति जारी किए जाने की उम्मीद है। दुशांबे की अपनी यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह के अपने ताजिक समकक्ष कर्नल जनरल शेराली मिर्ज़ो से भी द्विपक्षीय मुद्दों और आपसी हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है।

ताजिकिस्तान इस साल एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है और मंत्रिस्तरीय और आधिकारिक स्तर की बैठकों की एक श्रृंखला की मेजबानी कर रहा है।

इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज़ खटक और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे भी हिस्सा ले रहे हैं. बैठक के साइडलाइन पर किसी द्विपक्षीय मुलाकात को लेकर अभी पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि इस बैठक के दौरान भारत, चीन और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री एक ही कमरे में मौजूद रहेंगे.

 

 

अफ़ग़ान: तालिबान को सेना की तरफ से मिला करारा जवाब, चार दिनों में 950 तालिबान आंतकी हुए ढेर

अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान अपने पैर पसार रहा है और अफगान सुरक्षा बल अकेले आतंकियों का सामना कर रहे हैं।

करीब 200 जिलों पर नियंत्रण स्थापित करने वाले तालिबान को अब सेना की तरफ से करारा जवाब मिलना शुरू हो गया है और पिछले चार दिनों में अफगानिस्तान में एक बार फिर से सेना ने तालिबान नियंत्रित जिलों पर फिर से छीनना शुरू कर दिया है ।

500 से ज्यादा चरमपंथी इस दौरान ऑपरेशन में घायल हुए हैं। अफगान सेना और तालिबान के बीच 20 से ज्यादा प्रांतों और नौ शहरों में भारी संघर्ष चल रहा है।

कंधार पर एक बार फिर से सेना अपना नियंत्रण बनाने वाली है और कंधार में ज्यादातर तालिबानी चरमपंथी मारे जा चुके हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, निमरोज में चखानसुर जिले का केंद्र एक बार फिर तालिबान के हाथ में आ गया है।

तालिबान नियंत्रित कई जिलों को वापस सेना अपने नियंत्रण में लेने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चला रही है, जिसमें अफगान वायु सेना पहली बार एक्शन में नजर आ रही है।

 

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, अफगानी सेना और तालिबान के बीच आम जनता को हो रहा भारी नुकसान

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना (US Army) की वापसी के बाद से ही देश के हालात सही नहीं हैं. तालिबान और अफगानी सेना के बीच देश में कब्जे को लेकर जंग जारी है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगानी सेना और तालिबान के बीच जारी जंग में अब तक हजारों आम नागरिकों की जान जा चुकी है.

अमेरिका की तरफ से दो दिन पहले ही कहा गया था कि तालिबान ने अफगानिस्‍तान के करीब 50 फीसद इलाकों पर अपना कब्‍जा कर लिया है. वहीं तालिबान ने कुछ दिन पहले मास्‍को में एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि उसने देश के 80 फीसद इलाकों पर कब्‍जा कर लिया है.

पिछले वर्ष अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्‍तान केा लेकर एक शांति समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत अमेरिका को मई 2021 तक अपनी फौज को वापस ले जाना था. लेकिन अमेरिका में सरकार बदलने और जो बाइडन के सत्‍ता में आने के बाद इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया.

नए बदलाव के तहत अमेरिकी और नाटो सेना को अफगानिस्‍तान से पूरी तरह से बाहर जाने की समय सीमा सितंबर 2021 तक बढ़ा दी गई थी. अमेरिका की तरफ से कहा या था कि वो 9/11 से पहले अपनी फौज को यहां से वापस ले जाएगा. इस घोषणा के साथ ही तालिबान ने अफगानिस्‍तान में कब्‍जे को लेकर अपने हमले तेज कर दिए थे.

ब्रिटेन में तेज़ी से फैल रहे Coronavirus के एल्फा वैरिएंट को लेकर रिसर्चर्स ने किया बड़ा खुलासा

लंदन. ब्रिटेन में गत शरद ऋतु के दौरान कोरोना वायरस के ‘एल्फा’ स्वरूप के तेजी से फैलने का एक प्रमुख कारण संक्रमित लोगों का देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करना था. संबंधित अध्ययन से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे.

जब ब्रिटेन में कोरोना वायरस का संक्रमण अपनी चरम पर था, तब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लोगों से बेहतरीन जांच व्यवस्था बनाने का वादा किया था। उन्होंने ने संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को भी जल्द से जल्द ढूंढ निकालने की प्रणाली विकसित करने का भरोसा दिलाया था।

इंग्लैंड के पूर्वी शहर साउथेंड-ऑन-सी में रायटर के रिपोर्टर ने भी वाक-इन जांच केंद्र पर कोरोना टेस्ट कराने की कोशिश की। लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। उस केंद्र पर लोग स्थानीय समय के अनुसार भोर से ही जमा हुए थे। केंद्र पर लंबी लाइन लगी हुई थी।

उन्होंने उल्लेख किया कि ‘एल्फा’ स्वरूप का विस्फोटक प्रसार वायरस में जैविक परिवर्तन की वजह से ही नहीं, बल्कि संक्रमित लोगों के देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों की यात्रा करने की वजह से भी फैला..

अध्ययन में कहा गया कि लंदन और ब्रिटेन के दक्षिण-पूर्व के क्षेत्रों से देश के अन्य हिस्सों में लोगों की यात्रा की वजह से वायरस के संबंधित स्वरूप के प्रसार की नई श्रृंखला शुरू हुई जिसमें जनवरी की शुरुआत तक कोई कमी नहीं देखी गई.

भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहा पकिस्तान, अफगान में तालिबानी शासन को लेकर कही ये बड़ी बात

पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है, काफी घिसी-पिटी बात हो चुकी है। क्या किसी दुश्मन पर कभी भरोसा किया जा सकता है। कारगिल विजय दिवस के 22वें साल में यह स्पष्ट है कि तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुशकोह, द्रास, काकसर और बटालिक सेक्टरों की दुर्लभ ऊंचाइयों में पाकिस्तानी सेना की धूर्तता का उद्देश्य श्रीनगर के साथ भारतीय गलती का फायदा उठाना था।

नरेंद्र मोदी सरकार ने तत्कालीन राज्य को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने और पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को निरस्त करने के साथ, दोष-रेखा को लगभग मिटा दिया है। पिछले तीन दशकों से, पाकिस्तान भी भारत के भीतर दरार पैदा करने और समुदायों का ध्रुवीकरण करने के लिए आतंकवाद को एक अन्य हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

काबुल में इस्लामाबाद के इरादे मौलिक रूप से भिन्न हैं। इस्लामाबाद जानता है कि जब 1996-2011 के बीच काबुल में अपनी शक्ति के चरम पर था, तब भी तालिबान ने जम्मू-कश्मीर पर एक शब्द भी नहीं कहा।  क्योंकि उनके पास युद्ध के मैदान का अनुभव है।

अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति को लेकर अशरफ गनी और जो बिडेन ने की चर्चा, समर्थन का दिया आश्वासन

अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी शुरू होने के बाद तालिबान की हिंसा व कब्जा तेजी से बढ़ गया है। पिछले दो महीनों में कुछ प्रमुख सीमावर्ती शहरों सहित 200 से अधिक जिले तालिबान के हाथ में आ गए हैं ।

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने अफगान समकक्ष अशरफ गनी के साथ फोन पर बात की और काबुल के लिए वाशिंगटन के समर्थन की पुष्टि की ।  दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की और एक स्थायी द्विपक्षीय साझेदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

बाइडेन ने अमेरिकी सेना को अपनी मूल 11 सितंबर की समय सीमा से कुछ दिन पहले 31 अगस्त तक अफगानिस्तान में अपने मिशन को समाप्त करने का आदेश दिया था और पिछले हफ्ते 95 प्रतिशत से अधिक निकासी पूरी हो चुकी है।

अमेरिकी समर्थन जारी रखने पर जोर दिया। व्हाइट हाउस के अनुसार बाइडेन और गनी इस बात पर भी सहमत हुए कि तालिबान का मौजूदा आक्रमण संघर्ष के बातचीत के समझौते का समर्थन करने के आंदोलन के दावे के सीधे विरोधाभास में है।

तो क्या सच में युद्ध की तैयारी कर रहा हैं चीन, तिब्बत दौरे पर Xi Jinping ने सेना को दिया ये सख्त निर्देश

भारत के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहली बार अरुणाचल प्रदेश के करीब स्थित तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया है। शी को न्यिंगची मेनलिंग हवाई अड्डे पर पहुंचे और स्थानीय लोगों और विभिन्न जातीय समूहों के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

ऐसे में ड्रैगन के इरादों पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शी जिनपिंग ने अपने दौरे पर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के तिब्बत सैन्य कमान के अधिकारियों से मुलाकात की थी.

राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि सैनिकों के प्रशिक्षण और तैयारी को बढ़ाया जाना चाहिए और तिब्बत में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक शक्ति प्रदान करने में मदद करनी चाहिए. गौरतलब है कि भारत से लगती सीमा की जिम्मेदारी इसी कमान को सौंपी गई है.

इसके बाद उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में निरीक्षण करने के लिए न्यांग नदी पुल का दौरा किया। न्यिंगची तिब्बत में एक प्रान्त स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में अपना दावा करता है, जिसे भारत ने हमेशा ही खारिज कर दिया है।

Afghanistan की जनता पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, 36000 परिवारों ने शुरू की पलायन की प्रक्रिया

सुरक्षा बलों और अफगानी जनता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं जिसके मद्देनजर पिछले चार महीनों में 36,000 से अधिक परिवार आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं। तालिबान लड़ाकों द्वारा देश में तेजी से कब्जा किया जा रहा है।

कनाडा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह उन अफगानों के पुनर्वास में तेजी लाएगा, जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में कनाडा के साथ काम किया. हालांकि कनाडा ने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी कि कौन इसका पात्र होगा या इस वक्त तालिबान  से खतरे का सामना कर रहे लोग कब आना शुरू होंगे.

युद्धग्रस्त देश अफगान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने पर अफगानिस्तान में मानवीय संकट की संभावना भी प्रबल हो गई है। वहीं अफगानिस्तान में असुरक्षा तथा हिंसा के कारण जनवरी से अब तक करीब 2 लाख 70 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।

सरकार कनाडा के शीर्ष नेताओं के दबाव का सामना कर रही है, जो इस बात से चिंतित हैं कि जिन अफगानों ने उनका और उनके परिवारों का समर्थन किया, उन्हें तालिबान के हाथों गिरफ्तारी और यहां तक ​​कि मौत का सामना करना पड़ेगा.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने किया तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा, जिससे भारत की बढ़ी मुश्किलें

चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने अरुणाचल प्रदेश के पास स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया. चीनी राष्ट्रपति का तिब्बत का ये सरप्राइज दौरा था. शी जब चीन के उपराष्ट्रपति थे तब उन्होंने पिछली बार 2011 में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का दौरा किया था, जो तिब्बत के लगभग आधे हिस्से में फैला है. वहीं, उन्होंने ल्हासा, निंगत्री और शिगात्से का दौरा भी किया.

‘न्यिंगची मेनलिंग एयरपोर्ट’ पहुंचे.आईसीटी ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि शी पहली बार 20 जुलाई को दक्षिण-पूर्वी तिब्बत के निंगत्री में मेनलिंग हवाई अड्डे पर उतरे थे. वहां मकामी लोगों और मुखतलिफ जातीय समूहों के अफसरान ने गर्मजोशी से उनका इस्तकबाल किया. इसके बाद ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का मुआयना करने के लिए वह ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ गए, जिसे तिब्बती जबान में ‘यारलुंग जंगबो’ कहा जाता है.

उन्होंने कहा, वह पहले निंगत्री में लोगों से मिलने आए, और उनसे कहा कि एक भी जातीय समूह को पूरी तरह से आधुनिक समाजवादी चीन बनाने के प्रयासों में पीछे नहीं रहना चाहिए. जनता को चीन के कायाकल्प और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अगले 100 वर्षों के लिए काम करना चाहिए.

जिनफिंग ने आपने दौरे के दौरान लोगों से खिताब करते हुए कहा कि वह पहले निंगत्री में लोगों से मिलने आए. उन्होंने कहा कि एक भी जातीय समूह को पूरी तरह से आधुनिक समाजवादी चीन बनाने के प्रयासों में पीछे नहीं रहना चाहिए.

अंतरिक्ष की सैर कर धरती पर लौटे जेफ बेजोस, शैंपेन की बोतल खोलकर मनाया जश्न

जेफ बेजोस भारतीय समय के मुताबिक मंगलवार शाम 6:42 बजे रवाना हुए। उनके साथ 3 और यात्री थे। इनमें एक उनके भाई मार्क, 82 साल की वैली फंक और 18 साल के ओलिवर डेमेन शामिल हैं। इन लोगों ने जेफ बेजोस की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन के कैप्सूल में अंतरिक्ष का दौरा किया।

जेफ बेजोस की दौलत: ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक जेफ बेजोस की दौलत में 1.13 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। जेफ बेजोस की कुल दौलत 206 बिलियन डॉलर के करीब है।

क्या कहा जेफ बेजोस ने: अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने कहा कि ये लाइफ का सबसे अच्छा दिन था। इसके साथ ही बेजोस ने अपनी इस सफलता के लिए अमेजन के कर्मचारियों और ग्राहकों का धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा, “मैं अमेजन के हर एक कर्मचारी और ग्राहकों को धन्यवाद देना चाहता हूं।” जेफ बेजोस ने आगे बताया कि कर्मचारियों और ग्राहकों ने इस सब के लिए भुगतान किया है।” उन्होंने वेस्ट टेक्सास के वैन हॉर्न शहर को भी धन्यवाद दिया, जहां उनकी स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपना ऑफिस बना लिया है।

इसके साथ ही टीम के सदस्यों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें अंतरिक्ष में भेजने में मदद की। अंतरिक्ष सफर के बाद धरती पर लौटते ही बेजोस और चालक दल के अन्य सदस्यों ने एक-दूसरे को गले लगाया और शैंपेन की बोतल खोलकर जश्न मनाया। इसके बाद मीडिया से बात की। इसी बातचीत के दौरान जेफ बेजोस ने सभी को शुक्रिया कहा।

दुनिया के सबसे अमीर अरबपति जेफ बेजोस ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर ली है। वह सिर्फ 11 मिनट के भीतर अंतरिक्ष की यात्रा कर धरती पर लौट आए। जेफ बेजोस ने अपने इस ऐतिहासिक सफर के बाद पहली प्रतिक्रिया दी है।