Sunday , April 28 2024

खेल

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले श्रीलंका टीम के ये खिलाड़ी कर सकते हैं संन्यास का ऐलान

श्रीलंका क्रिकेट में उथल-पुथल का दौर जारी है और यह समस्या जल्द सुलझती नहीं दिख रही है। नई ग्रेडिंग प्रणाली की शुरूआत ने मामले को और खराब कर दिया है। नए पॉइंट-बेस्ड ग्रेडिंग सिस्टम के तहत खिलाड़ियों को उनकी फिटनेस, अनुभव, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट दिया जा रहा है।

32 या 33 की उम्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की नहीं होती।  क्योंकि कई बार देखा जाता है कि ये किसी भी खिलाड़ी का पीक समय होता है, लेकिन इस उम्र में श्रीलंका के क्रिकेटर संन्यास ले रहे हैं, वो भी किसी एक फॉर्मेट से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ही।

इसुरु उदाना ने संन्यास के बाद जो बयान जारी किया था। उसमें उन्होंने कहा था, “मेरा मानना है कि मेरे लिए अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए जगह बनाने का समय आ गया है।” उदाना महज 33 साल के हैं और उनमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है। ऐसे में कई लोग मानते हैं कि संन्यास का निर्णय नई प्रणाली के कारण लिया गया है।

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रीलंका के एक और प्रमुख तेज गेंदबाज के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला से पहले संन्यास लेने की संभावना है। निरोशन डिकवेला उन तीन खिलाड़ियों में से हैं जिन्हें इंग्लैंड दौरे में बायो-सिक्योर बबल को तोड़ने का दोषी पाया गया था।

ये तीनों क्रिकेटर कुछ समय के लिए राष्ट्रीय टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं। इसलिए उनमें से किसी का भी रिटायरमेंट श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका होगा। हालांकि इस हंगामे के बीच हाल ही में श्रीलंकाई टीम को जश्न मनाने की एक बड़ी वजह मिली।

Tokyo Olympics: भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, एक गोल से पहली बार सेमीफाइनल में किया प्रवेश

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में सेमीफाइनल (Semifinal) में अपनी जगह पक्की करने के साथ ही भारतीय महिला हॉकी टीम (India Women Hockey team) ने इतिहास रच दिया है। सेमीफाइनल में पहुंचकर टीम ने मेडल की उम्मीद को बरकरार रखा है, क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया (Australia) को हराकर जीत हासिल करने पर कोई कोई खुशी है जिसके बाद देश की शेरनियों को हर कोई बधाई दे रहा है।

भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो में इतिहास रचते हुए पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। टीम ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया यह इतिहास रचा है। बता दें कि इस टीम का यह सिर्फ तीसरा ओलंपिक है।

भारत की ओर से एकमात्र गोल करने वाली भारत के पंजाब की गुरजीत कौर ने किया है। ड्रैग फ्लिकर के तौर पर खेलने वाली गुरजीत कौर ने इसी के साथ अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है।

आपकों बतां दें कि गुरजीत कौर का हाॅकी से रिश्ता इतना आसान नही हैं उन्होंने इसे अपना करियर बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया है। आईए जानते हैं उनके बारे में-

महिला हॉकी टीम के पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद भारतीय खेल समुदाय ने इसे देश की हॉकी के लिये स्वर्णिम पल करार दिया। भारतीय पुरुष टीम के 49 वर्ष बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद सोमवार को महिला टीम ने आस्ट्रेलिया की विश्व में नंबर दो टीम को 1-0 से हराकर अंतिम चार में जगह बनायी।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न को लेकर अभी-अभी आई बुरी खबर, फैंस कर रहे जल्द ठीक होने की कामना

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न द हंड्रेड टूर्नामेंट के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. शेन वॉर्न इस टूर्नामेंट में लंदन स्पिरिट टीम के मुख्य कोच हैं. वॉर्न इस द हंड्रेड टूर्नामेंट के दूसरे हेड कोच हैं जो जांच में कोरोना पॉजिटिव आए हैं.

वॉर्न ने रविवार को लॉर्ड्स में सदर्न ब्रेव के खिलाफ मैच से पहले अस्वस्थ होने की शिकायत की थी. इसके बाद उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट (लेटरल फ़्लो टेस्ट) किया गया था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. फिलहाल वो आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.

लंदन स्प्रिट क्लब ने अपने बयान में कहा, “रविवार सुबह अस्वस्थ महसूस करने के बाद शेन का शुरुआती परीक्षण कराया गया जो कि पॉजिटिव आया है. उन्हें टीम के अन्य सदस्यों और सहयोगी स्टाफ से अलग आइसोलेट कर दिया गया है. उनकी पीसीआर जांच के परिणाम का इंतजार है.”

साथ ही बयान में कहा गया है कि, “टीम प्रबंधन के एक दूसरे सदस्य का परीक्षण भी पॉजिटिव आया है और उन्हें भी आइसोलेट कर दिया गया है. अब तक टीम का कोई भी खिलाड़ी इस से प्रभावित नहीं पाया गया है.”

टोक्यो ओलंपिक: क्वार्टरफाइनल में हारे बॉक्सर सतीश कुमार, जीत लिया रणदीप हुड्डा का दिल

बॉक्सर सतीश कुमार रविवार को भले ही मेंस सुपरहैवीवेट क्वार्टरफाइनल में हार गए हों, लेकिन उन्होंने दुनियाभर के खिलाड़ियों का दिल जीत लिया। अपनी फाइटिंग स्पिरिट से जग जीतने वाले सतीश कुमार आंख के पास टांके लगने के बावजूद योद्धा की तरह लड़ते रहे।

सतीश कुमार उस समय नहीं जानते थे कि बॉक्सिंग क्या होती है, हां लेकिन उन्होंने यह जरूर सुना था कि बॉक्सिंग WWE की तरह होती है, अंडरटेकर और जॉन सीना के बारे में सुना था।

कोच के समझाने पर सतीश ने बॉक्सिंग करने का फैसला किया था। कोचों ने उनकी ऊंचाई के आधार पर उन्हें चुना था और और उस दिन से उन्होंने बॉक्सिंग करना शुरू किया था।

आईपीएस पंकज नैन ने ट्वीट किया, ओह एक चट्टान की तरह! आखिरी लड़ाई में चोट लगने के कारण उन्होंने चेहरे पर कई टांके लगाकर रिंग में प्रवेश किया। फिर भी विश्व नंबर एक के खिलाफ एक चैंपियन की तरह लड़े। जीत या हार चैंपियन तय नहीं करती- इच्छा और दृढ़ संकल्प करते हैं।

सतीश कुमार (Satish Kumar Wife) की शादी सविता कुमार से हुई है और उनके 2 बच्चे हैं।एक के बाद एक मुक्के खाने के बावजूद सतीश पूरे गेम तक जबर्दस्त तरीके से लड़ते रहे, अंतत: उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

ओलंपिक इतिहास में अपना नाम सूचीबद्ध करने वाली एम्मा मैककॉन आखिर कौन हैं जिन्होंने जीते 7 पदक

एम्मा मैककॉन ने रविवार को ओलंपिक इतिहास में अपना नाम सूचीबद्ध किया, जब ऑस्ट्रेलिया ने टोक्यो एक्वेटिक्स सेंटर में महिलाओं की 4×100 मीटर रिले स्वर्ण पदक को सुरक्षित करने के लिए दो बार के गत चैंपियन, संयुक्त राज्य अमेरिका को हरा दिया।

एक करीबी दौड़ में, कायली मैककेन, चेल्सी होजेस, एम्मा मैककेन, केट कैंपबेल की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 3: 51.60 के एक नए ओलंपिक रिकॉर्ड समय के साथ दौड़ जीती, संयुक्त राज्य अमेरिका को दूसरे स्थान पर धकेल दिया।

टोक्यो 2020 ओलंपिक में मैककॉन का यह सातवां पदक था, एक ऐसी उपलब्धि जो किसी अन्य महिला तैराक ने कभी किसी एक खेल में नहीं बनाई। 1952 में पूर्वी जर्मन क्रिस्टिन ओटो के छह पदकों को पछाड़ दिया था, जिसे बाद में 2008 में अमेरिकी नताली कफलिन ने मैच किया था।

आपको बता दें कि इससे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका की महान तैराकी केटी लेडेकी ने महिलाओं की 800 मीटर फ्रीस्टाइल में पोडियम में शीर्ष पर रहने के बाद रिकॉर्ड छठा व्यक्तिगत स्वर्ण और अपने करियर का 10वां ओलंपिक पदक जीता था। ऑस्ट्रेलिया के एरियन टिटमस ने रजत और इटली की सिमोना क्वाडरेला ने कांस्य पदक जीता।

Tokyo Olympic: उम्र की सीमाओं को तोड़ते हुए इन खिलाडियों ने जीता मैडल व रच दिया इतिहास

कोरोना वायरस  के साए और तमाम विरोधों के बीच आखिरकार टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) का आगाज 23 जुलाई से हुआ. इन खेलों को शुरू हुए अब हफ्ते भर का वक्त हो चुका है.

कुवैत के अब्दुल्ला अल-रशीदीने बीते हफ्ते स्कीट शूटिंग में कुवैत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. पहली नजर में यह किसी के लिए भी ओलंपिक मेडल जीतने भर की खबर हो सकती है.

स्केटबोर्डिंग ने पहली बार टोक्यो गेम्स के जरिए ओलंपिक में एंट्री की और पहली ही इस खेल में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन हुए. जापान की मोमिजी निशिया  ने वुमेंस स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग इवेंट में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा.

सीरिया की हेंड जाज़ा (Hend Zaza) महज 12 साल की उम्र में ओलंपिक का हिस्सा बनीं. वो टेबल टेनिस के महिला सिंगल्स में उतरी थीं. हालांकि, जाज़ा पहले ही मैच में 39 साल की ऑस्ट्रिया की खिलाड़ी ल्यू जिया से हारकर बाहर हो गईं.

ईरान के निशानेबाज जावेद फोरोगी (Javad Foroughi) ओलंपिक की तैयारियों को छोड़कर लोगों की इस वायरस से जान बचाने में लगे थे और इसके बाद जब टोक्यो पहुंचे, तो यहां भी इतिहास रच दिया.

Tokyo Olympics: पुरुष तीरंदाज अतनु दास नहीं जीत पाए भारत के लिए मैडल, सोशल मीडिया पर कहा- ‘Sorry INDIA’

ओलंपिक की तीरंदाजी स्पर्धा में की झोली फिर खाली रही और तोक्यो में दीपिका कुमारी की बाद देश की आखिरी उम्मीद अतनु दास पुरूषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4 . 6 से हार गए ।

भारत के पुरुष तीरंदाज अतनु दास को रेंज में उतरना था. प्री क्वार्टर फाइनल के इस मुकाबले में अतनु से पूरे देश को उम्मीद थी कि वह पदक की रेस में भी आगे बढ़ेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

पिछले मैच में लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता ओ जिन हयेक को हराने के बाद दास लंदन ओलंपिक रजत पदक विजेता और यहां टीम वर्ग का कांस्य जीत चुके जापानी तीरंदाज को नहीं हरा सके ।

पूरा देस अतनु की इस हार से निराश हैं. जापानी तीरंदाज ने यह मुकाबला 6-4 से जीता. इस हार के बाद अतनु ने ट्वीट कर माफी मांगी है.भारत के शीर्ष तीरंदाजों में शुमार अतनु ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ माफ करना भारत. मैं ओलिंपिक में अच्छा नहीं कर सका.”

लेकिन हमें जो सपोर्ट भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय तीरंदाजी संघ और ओलिंपिक गोल्ड क्वेस्ट से अभी तक हमें जो सपोर्ट मिला है वो शानदार है. हमें लगातार आगे बढ़ते रहना है, और कुछ नहीं है कहने को. जय हिंद.’

महिलाओं के डिस्कस फाइनल में इनसे होगा कमलप्रीत कौर का मुकाबला, 2 पदों पर फाइनल के लिए किया क्वालीफाई

यूएसए डिस्कस थ्रोअर वालारी ऑलमैन 2021 टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं के डिस्कस थ्रो में हीट में शीर्ष पर रही। वह हीट में हमेशा की तरह सर्वश्रेष्ठ थी और फाइनल में एक मजबूत पसंदीदा होगी।

कमलप्रीत कौर इस साल ड्रीम रन पर हैं। उन्होंने सीमा पुनिया द्वारा बनाए गए 12 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़कर साल की शुरुआत की। कौर ने 24वें नेशनल फेडरेशन कप में 65.06 मीटर का थ्रो रिकॉर्ड किया।

उसने पटियाला में इंडियन ग्रां प्री 4 में अपने ही रिकॉर्ड को बेहतर बनाया। अगर कौर फाइनल में भी ऐसा ही संयम बनाए रखती है और एक समान अंक दर्ज करती है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह ओलंपिक में फील्ड स्पर्धाओं में भारत को अपना पहला पदक दिला सकती है।

भारतीय प्रशंसकों के लिए भी बहुत खुशी की बात थी। घटना की अधिक आश्चर्यजनक खबर स्वचालित योग्यता चिह्न के माध्यम से फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाला दूसरा एथलीट था। यह भारतीय डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर थीं।

Tokyo Olympics: पीवी सिंधु और पूजा रानी क्या दिला पाएंगी भारत को गोल्ड मैडल, कुछ ही देर में शुरू होगा महामुकाबला

भारत ने टोक्यो में अब तक दो मेडल पक्के किए हैं. महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता है जबकि महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने सेमीफाइनल में पहुंचकर मेडल पक्का कर लिया है.

वंदना कटारिया ने तीन गोल किए। शनिवार को ही महिला हॉकी में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का मुकाबला होगा। यदि आयरलैंड हार जाती है तो भारत क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाएगा। भारत ने अब तक एक पदक जीता है, लेकिन बैटमिंटन, बॉक्सिंग, हॉकी में पदक की उम्मीद बनी हुई है।

 भारत के अतनु दास हारकर बाहर हो गए हैं। जापान के ताकाहारू फुरुकावा ने अतनु दास को 6-4 से हराया और इसके साथ ही तीरंदाजी में भारत के पदक की उम्मीद यहीं खत्म हो गई।

कुछ देर में महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) और महिला बॉक्सर पूजा रानी (Pooja Rani) उतरने वाली हैं. दोनों खिलाड़ी अगर मुकाबला जीतने में जीतने में सफल रहीं तो दो और मेडल मिल जाएंगे.

इससे पहले 2016 रियो ओलंपिक में भी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था.रियो ओलंपिक की सिल्‍वर मेडलिस्‍ट सिंधु पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं. उम्‍मीद की जा रही है कि वो इस बार अपने मेडल का रंग बदलेंगी.

 

टूट गया दीपिका कुमारी का तीरंदाजी में भारत के लिए मेडल जीतने का सपना, क्वार्टर फाइनल में मिली हार

 भारत की महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी का ओलंपिक मेडल जीतने का सपना लगातार तीसरी बार टूट गया, जब वह यहां क्वार्टर फाइनल में कोरिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त अन सान से हार गईं.

वह रूसी ओलंपिक समिति ( ROC) की केन्सिया पेरोवा को हराकर क्वार्टर फइनल में पहुंची थीं और हार गईं। कोरियाई अन सान ने पहले दौर में शानदार शुरुआत की और उसने तीन 10s स्कोर किया, जबकि दीपिका ने 7-10-10 का स्कोर किया।

सान ने दूसरे दौर में भी लय बरकरार रखी और 9-10-7 का स्कोर किया। वहीं भारतीय तीरंदाज ने 10-7-7 का स्कोर किया।दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी ने तीसरे सेट में भी दबदबा जारी रखा और 26 स्कोर किया। वहीं दीपिका ने 24 स्कोर किया। मैच छह मिनट से भी कम समय में खत्म हो गया। इसके साथ सान अंतिम चार में अमेरिका के मैकेंजी ब्राउन या मैक्सिको के एलेजांद्रा वालेंसिया से भिड़ेंगी।

दीपिका कुमारी ने चार बार सात का स्कोर किया जबकि रैंकिंग दौर में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ शीर्ष पर रही अन सान ने छह मिनट के भीतर 6-0 से जीत दर्ज कर ली. दीपिका 2016 रियो ओलंपिक में प्री क्वार्टर फाइनल में हार गईं थी, जबकि लंदन ओलंपिक में भी वह पहले दौर से बाहर हो गईं थी.